तीन तलाक से सामने आई केंद्र सरकार की बदनीयती
शाहजहांपुर : ईदगाह प्रबंध समिति की बैठक में केंद्र सरकार पर आरएसएस के नजरिए से कॉमन सिविल कोड लागू
शाहजहांपुर : ईदगाह प्रबंध समिति की बैठक में केंद्र सरकार पर आरएसएस के नजरिए से कॉमन सिविल कोड लागू करने के प्रयास का आरोप लगाया गया। पदाधिकारियों ने कहा कि तीन तलाक के मुद्दे से केंद्र सरकार की बदनीयती सामने आ गई है, पर मुसलमान इसे किसी भी सूरत में मंजूर नहीं करेंगे।
ईदगाह बड़ा खुत्बा में आयोजित बैठक में शहर पेश इमाम मौलाना हुजूर अहमद मंजरी ने कहा संविधान के अनुसार सभी को अपने धर्म के अनुसार अमल करने का अधिकार है। मुसलमानों को भी संविधान में मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपने निकाह, तलाक, विरासत आदि के मामलों को कुरआन व हदीस की रोशनी में हल करने की इजाजत है। तीन तलाक को गैर कानूनी कहना गलत और पर्सनल लॉ में दखलंदाजी है। कुछ संगठनों द्वारा यह कहना कि तलाक का हक लड़की को हासिल होना चाहिए यह कुरआन व हदीस के खिलाफ है। कुरआन के मुताबिक मर्द को ही यह हक है। ईदगाह प्रबंध समित के अध्यक्ष राहत अली खां ने कहा कि पूरे देश में सरकार के खिलाफ एक माहौल है। इससे जनता का ध्यान हटाने के लिये यह शिगूफा छोड़ा गया है। जामा मस्जिद के प्रबंध समिति अध्यक्ष डा. तारिक अली खां ने केंद्र सरकार पर मुसलमानों को उलझाने का आरोप लगाया। ईदगाह प्रबंध समिति के सचिव सैयद कासिम रजा ने कहा कि चुनाव के मद्देनजर भाजपा व आरएसएस यह मुद्दा उछालकर लाभ लेना चाहती है। जामा मस्जिद की प्रबंध समित के सचिव मोअज्जम अली ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में मुसलमान किसी तरह की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करेगे। इस दौरान आफाक अली खां, मिर्जा आसिफ बेग, हाफिज जुग्गन खां, गुलाम गौस खां, मो. नसीम खां आदि मौजूद रहे।