चरम पर पहुंची राजनीतिक दलों की गुटबाजी
शाहजहांपुर : पंचायत चुनाव में राजनीतिक दलों की गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। जिला पंचायत सदस्य पद के
शाहजहांपुर : पंचायत चुनाव में राजनीतिक दलों की गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए सपा, भाजपा और बसपा के वरिष्ठ नेताओं आमने- सामने चुनाव लड़ रहे हैं। इससे जनप्रतिनिधयों समेत पार्टी नेतृत्व की मुसीबत बढ़ गई है। उन्हें पार्टी की साख बचाने में पसीने छूट रहे हैं। बसपा ने हाल ही में आधा दर्जन वार्डों अवैध रूप से पार्टी का झंडा बैनर व फोटो लगाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अब भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री व जिला पंचायत चुनाव के संयोजक ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों तथा उनकी मदद करने वाले पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए है।
भाजपा और बसपा जिला पंचायत के लगभग सभी वार्डों में अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा रही है। इसके लिए बकायदा प्रत्याशियों की घोषणा की गई। सपा के प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संगठन को बंटने से बचाने के लिए चुनाव से पूर्व ही उम्मीदवारों की घोषणा पर रोक लगा दी थी। इस कारण सपा ने किसी उम्मीदवार की घोषणा तो नहीं की, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ सपाइयों के चुनाव लड़ने से सपा में भी गुटबाजी सिर चढ़कर बोल रही है। भाजपा में सांसद और विधायक के लोग अलग- अलग प्रत्याशियों की मदद कर रहे हैं, इसी तरह सपा में जिलाध्यक्ष, राज्यमंत्री, विधायक, पूर्व सांसद के समर्थक एक दूसरे को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। यही हाल बसपा का है। वर्तमान पदाधिकारियों के चहेते व घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ बसपा के पूर्व पदाधिकारियों के गुट के प्रत्याशी मुसीबत बने हुए है। आधा दर्जन वार्डों में तो खुलेआम झंडा बैनर व पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के फोटो उपयोग करके खुद को बसपा प्रत्याशी बताकर वोट मांगने पर जिलाध्यक्ष ने कार्रवाई भी की। अब भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री जेपीएस राठौर ने द्वितीय चरण के प्रत्याशियों के खिलाफ मुसीबत बने बागी प्रत्याशी तथा उनकी मदद करने वाले पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। पार्टी की बैठक में स्पष्ट किया है कि 13 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के अलावा यदि कोई पार्टी का झंडा बैनर लगाता है तो वह अवैध होगा और ऐसे प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही उनकी मदद करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं संगठन की साख बचाने को बुलाई गई इस बैठक में नगर विधायक सुरेश खन्ना, जिलाध्यक्ष वीरेद्र पाल ¨सह यादव, राकेश मिश्रा डीपी ¨सह राठौर, रजनीश दीक्षित, अनुज गुप्ता आदि मौजूद थे।