परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता की होगी जांच
शाहजहांपुर : परिषदीय विद्यालय की छवि सुधार के लिए शासन ने नए प्रयास शुरू किए है। इसके लिए एक बार फिर
शाहजहांपुर : परिषदीय विद्यालय की छवि सुधार के लिए शासन ने नए प्रयास शुरू किए है। इसके लिए एक बार फिर शिक्षा में गुणवत्ता और गुणवत्ता की ²ष्टि से कमजोर विद्यालयों को चिन्हित करने के लिए विद्यालयों का श्रेणीकरण करने की योजना शुरु की गई है। श्रेणीकरण पांच ¨बदुओं पर आधारित होगा, इसी आधार पर उन्हें अंक दिए जाएंगे। श्रेणीकरण निर्धारित करने के लिए सभी विद्यालयों के लिए दो सदस्यीय जांच दल गठित होंगे। जो एक नवंबर से इस कार्य में लग जाएंगे। टीमें बीस नंबर तक विद्यालयों की श्रेणी निर्धारित करके जिला स्तर पर उपलब्ध कराना होगा। परिषदीय विद्यालयों को श्रेणी कराने के लिए डायट प्राचार्य, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वय प्रशिक्षण को सौपी जिम्मेदारी सौपी जाएगी। विद्यालय श्रेणीकरण के लिए कुल सौ अंक निर्धारित किए गए है। इसमें विद्यालय की भौतिक परिवेश, सामुदायिक सहभागिता, नामांकन व उपस्थिति, शिक्षा का स्तर, अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में बच्चों का स्तर निर्धारित किए गए है। सबसे ज्यादा अंक अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के लिए पचपन अंक निर्धारित है। भौतिक परिवेश के तहत भवन की रंगाई, शौचालय की व्यवस्था, उसका प्रयोग, पौधरोपण, बागवानी, हैडपंप की व्यवस्था, परिवार की स्वच्छता, अभलेखों का रखरखाव शामिल है। इसके लिए पांच अंक निर्धारित है। सामुदायिक सहभागिता के तहत विद्यालय प्रबंध समिति की नियमित बैठक, समुदाय द्वारा वित्तीय एवं भौतिक सहयोग, अभिभावकों के साथ बैठक शामिल है। इसके लिए तीन अंक निर्धारित है। पांच विंदुओं के आधार पर श्रेणीकरण इस तहर निर्धारित होगा, इनमे 75 से 100 अंक ए श्रेणी, 60 से 74 अंक बी श्रेणी, 50 से 59 तक सी श्रेणी, 35 से 49 तक डी श्रेणी होगी। इससे नीचे अंक पाने वाले विद्यालयों को निम्न स्तर की श्रेणी में माना जाएगा। विद्यालय के श्रेणीकरण में गड़बड़ी पाई जाती है तो इसके लिए एबीआरसी, एनपीआरसी, समन्वय व खंड शिक्षाधिकारी जिम्मेदार होंगे। बीएसए ने बताया कि विद्यालयो में श्रेणीकरण की योजना शीघ्र चालू की जाए और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।