जिले में बिना पंजीकरण के चल रहे को¨चग सेंटर
शाहजहांपुर : जुलाई की शुरुआत आते ही जगह- जगह कोचिंग सेंटरों की जैसे बाढ़ सी आ गई हो। यह कोचिंग सेंटर
शाहजहांपुर : जुलाई की शुरुआत आते ही जगह- जगह कोचिंग सेंटरों की जैसे बाढ़ सी आ गई हो। यह कोचिंग सेंटर बिना किसी रजिस्ट्रेशन के चलाए जा रहे है। रजिस्ट्रेशन न होने से जहां एक ओर छात्रों को ठगा जा रहा है वहीं सरकार को भारी राजस्व की क्षति भी हो रही है। ऐसा भी नहीं कि इसकी जानकारी जिला प्रशासन को न हो लेकिन प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण यह कोचिंग संचालक धड़ल्ले से अपने कारोबार को अंजाम दे रहे है।
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के मुताबिक जिले में केवल 55 कोचिंग सेंटरों का पंजीकरण है। रजिस्ट्रेशन नियमावली के तहत एक से दस बच्चों तक का रजिस्ट्रेशन शुल्क 250 रुपये, वहीं एक से 20 तक तक के लिए एक हजार रुपये, एक से 30 तक के लिए चार हजार रुपये, एक से 50 तक के लिए पांच हजार रुपये, एक से 100 तक के लिए दस हजार रुपये तथा एक 200 तक 20 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क तीन वर्ष के लिए निर्धारित है। साथ नियमावली के तहत स्कूल कॉलेजों के समय में किसी भी कोचिंग सेंटर का संचालन नहीं किया जा सकता है। सरकारी स्कूल के शिक्षक पर कोचिंग अथवा घर पर ट्यूशन पढ़ाने पर प्रतिबंध है।
जुलाई की शुरूआत होते ही गली कूचों में अनेक कोचिंग सेंटर खुल गए है। खास बात यह है कि जिन को¨चग सेंटरों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है, उन्होंने कोचिंग में बच्चों की संख्या अत्यधिक कम दर्शाई है। तो अधिकांश कोचिंग संचालक बगैर रजिस्ट्रेशन के कोचिंग का संचालन कर रहे हैं।
ऐसा भी नहीं कि इसकी जानकारी डीआइओएस कार्यालय को नहीं लेकिन वह भी सबकुछ जानकार अंजान बनीं हुई है। इससे सरकार को रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर हजारों रुपये का चूना लग रहा है। सूत्रों की माने तो स्कूल तथा कॉलेजों के अनेक शिक्षक अपने घरों पर छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। अभिभावकों की माने तो वह भी स्कूल के शिक्षकों से ट्यूशन पढ़ाने को ज्यादा महत्व देते है। उनका कहना है कि स्कूल अथवा कॉलेज का शिक्षक होता तो छात्र के पास होने की संभावना अधिक होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक कमलाकर पांडे ने बताया कि जो कोचिंग सेंटर पंजीकृत है, उनकी समय-समय पर जांच की जाती है। जिन कोचिंग सेंटरों ने पंजीकरण नहीं कराया है उनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।