भूकंप आए तो खुले में तुरंत पहुंचें
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : अक्सर लोगों में भूकंप जैसी आपदा को अनहोनी करार दिया जाता है, साथ ही इस
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : अक्सर लोगों में भूकंप जैसी आपदा को अनहोनी करार दिया जाता है, साथ ही इससे तमाम प्रकार की भ्रांतियां भी लोगों में हैं। दैनिक जागरण की ओर से भूकंप से बचाव को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के क्रम में छठे दिन सोमवार को मुहल्ला ककरा में सेमिनार का आयोजन किया गया। समाजसेवी आसिफ अली खां के सहयोग से आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम में अग्निशमन विभाग के अफसरों द्वारा जब लोगों को इस बारे में जागरूक किया गया। भूकंप को लेकर दिए जाने वाले टिप्स को जानने के लिए मुहल्ले के दर्जनों लोग वहां पहुंचे। यहां लोगों ने भूकंप से जुड़े तमाम सवाल भी किए, जिनका जवाब पाकर लोगों को जागरूक करने का संकल्प भी लिया।
सेमिनार में फायर ब्रिगेड के एफएसओ जदुनाथ ¨सह ने कहा कि भूकंप से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे अच्छा हथियार है। उन्होंने बताया कि सभी लोगों को नए भवनों का निर्माण भूकंप रोधी नियमों के तहत करना चाहिए, ताकि भूकंप का अधिक प्रभाव मकान पर न पड़े। उन्होंने कहा कि भूकंप आने के पूर्व जानकारी देने के लिए अभी तक कोई विभाग नहीं बन सका है, इस बारे में पूर्व में कोई भविष्यवाणी करना संभव नहीं हैं। हां, एक बार भूकंप आने के 24 घंटे तक में दोबारा या अधिक बार भूंकप आने की आशंका अधिक बलवती होती है। इससे बचाव के लिए सिर्फ जागरूकता ही काम आ सकती है। उन्होंने कहा कि पुराने भवनों को भूकंप रोधी भवन में तब्दील नहीं किया जा सकता। इसलिए भूकंप आने की स्थिति में तत्काल घर से बाहर निकलना चाहिए। इसमें देरी ठीक नहीं हो सकती है।
सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में मुख्य अग्निशमन अधिकारी तेजवीर ¨सह ने बताया कि नए भवन बनवाने के लिए संबंधित स्थान की मिट्टी की जांच अवश्य कराएं, ऐसा करने से वहां की जमीन के बारे में जानकारी हो जाती है। साथ ही मकान बनवाने के लिए आर्किटेक्ट की सलाह बहुत आवश्यक है। इससे मकान भूकंप रोधी बन सकेगा। उन्होंने बताया कि मकान 10-20 वर्षों के लिए नहीं बनाए जाते, मकान का निर्माण 100-150 वर्षों तक के लिहाज से कराया जाता है, ऐसे में थोड़े से बचाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। बल्कि आर्कीटेक्ट व इंजीनियर की मदद से मकान बनवाना चाहिए, ऐसा मकान भूकंप रोधी साबित होता है। उन्होंने कहा कि मकान बनवाते समय निकास व सीढि़यां चौड़ी बनवानी चाहिए, ताकि भूकंप के दौरान मकान से निकलने में दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि भूकंप आने के दौरान शीघ्र मकान के बाहर निकलना चाहिए। यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि भूकंप के दौरान बड़ी बि¨ल्डग के पास, विद्युत पोल के पास या बड़े पेड़ के नीचे नहीं खड़े होना चाहिए। वहीं सेमिनार के दौरान स्मार्ट सिटीजन बनने व भूकंप रोधी भवन बनवाने की शपथ दिलाई गई।
पब्लिक की बात
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सेमिनार वाकई काबिले तारीफ है। सेमिनार में भूकंप से बचाव की जो जानकारियां दी गईं, वह निश्चित रूप से सराहनीय है। वह लोगों को इस बारे में जागरूक करेंगे।
नफासत खां
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भूकंप के बारे में सेमिनार का आयोजन कर बेहतर जानकारी व बचाव के टिप्स दिए गए। इस बारे में वह मुहल्ले के लोगों के साथ अपने करीबियों को बताएंगे। यह प्रयास समाज के लिए बेहतर साबित होगा।
आसिफ अली खां
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भूकंप आने की जानकारी पहले से नहीं हो सकती यह कम ही लोग जानते होंगे, सेमिनार में इस जानकारी समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं, इस सेमिनार में मिली जानकारी को वह लोगों तक पहुंचाएंगे यह संकल्प लिया है।
सिद्दीक खां
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भूकंप आने के दौरान क्या करें अथवा क्या न करें, इसको लेकर सही जानकारी लोगों में नहीं है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, वहां के लोगों को जागरूक करने के लिए भी वह प्रयास करेंगे। साथ ही पास पड़ोस के लोगों से भी पब्लिक को जागरूक करने की अपील भी करेंगे।
फुरकान अहमद कुरैशी
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कुछ सप्ताह पहले आए भूकंप से पड़ोसी देश नेपाल में काफी जन व धन हानि हुई थी, उस दौरान यहां भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, उस स्थिति में हमें क्या करना चाहिए जानकारी नहीं थी, सेमिनार में मिले टिप्स लोगों तक भी पहुंचाएंगे।
नसीम
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भूकंप से बचाव के लिए सावधानियां व उपाय बताने के लिए अग्निशमन के अफसरों को धन्यवाद है, साथ ही इस जागरूकता आयोजन के लिए हम लोगों को इस आपदा से बचने की जानकारी हासिल हो सकी।
मो. इकबाल