शिक्षक अड़े, नहीं जांची गई कापियां
शाहजहांपुर : माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश के निर्देश पर जिला इकाई ने दूसरे दिन भी
शाहजहांपुर : माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश के निर्देश पर जिला इकाई ने दूसरे दिन भी बोर्ड परीक्षा उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया। तीनों मूल्यांकन केंद्रों पर विभिन्न संगठनों ने प्रदेश सरकार पर जमकर भड़ास निकाली।
माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष नरेंद्र यादव के नेतृतव में संगठन के पदाधिकारी एकत्र होकर अपना विरोध जताने दूसरे दिन भी मूल्यांकन केंद्रों पर पहुंच गए। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार तब तक जारी रहेगा जब तक कि शिक्षकों को सरकार मासिक मानदेय देने की घोषणा नहीं कर देती। इस दौरान संगठन के कई पदाधिकारियों को दायित्व सौंपे गए। कार्य बहिष्कार के दौरान सुरेंद्र पाल सिंह, पवन यादव, सरोज कुमार, विवेक शर्मा, अर्जुन सिंह, शिशुपाल प्रेमी, देवशरण मिश्र, ब्रजेश मिश्र, कुशल पाल सिंह, आदि मौजूद रहे। वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट के पदाधिकारियों ने भी मूल्यांकन कार्यो का बहिष्कार कर जोरदार नारेबाजी की। तथा कार्य बहिष्कार को सफल बनाने के लिए सभी पदाधिकारी सुबह से केंद्रों पर पहुंच गए। इस दौरान प्रांतीय उपाध्यक्ष संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि मूल्यांकन बहिष्कार में सभी शिक्षक का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि संघर्ष शासन की नीतियों के खिलाफ है। संगठन की ओर से संयोजक अनिल मालवीय, राजेश शर्मा, गौरव पांडेय, बाबूराम भारती, रामप्रताप, राकेश बाबू, इंद्रदेव सिंह, रामशिरोमणि शुक्ल, फहीममुल, प्रमोद गुप्ता, प्रदीप आदि मौजूद रहे। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष महिपाल सिंह चौहान के नेतृत्व में भारी संख्या में शिक्षको ने सभी केंद्रों पर जमकर नारेबाजी। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। इस मौके पर अश्वनी कुमार, इंद्रपाल, विनय कुमार मिश्र, संतोष कुमार, सूरज पाल, अनिल कुमार, रामसागर यादव, रोशन लाल, हृदेश सक्सेना, डा. वीरपाल, आंनद कुमार आदि मौजूद रहे।
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दूसरे दिन भी नहीं हई बैठक
माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से मूल्यांकन कार्यो के बहिष्कार के चलते डीआइओएस दूसरे दिन भी बैठक नहीं कर सके। काफी प्रयासों के बावजूद शिक्षक संघ के तीनों संगठनों का कार्य बहिष्कार समाप्त नहीं हो सका।