रोशन हुई जमीन, सतरंगी हुआ आसमान
शाहजहांपुर : उल्लास-उमंग व रोशनी के प्रतीक दीपावली धूमधाम से मनाई गई। जमीन पर झिलमिलाती झालर व दीप-
शाहजहांपुर : उल्लास-उमंग व रोशनी के प्रतीक दीपावली धूमधाम से मनाई गई। जमीन पर झिलमिलाती झालर व दीप-मोमबत्ती ने अंधेरी रात को रोशन रखा तो आतिशबाजी ने आसमान को भी जगमगा दिया। घर व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में लोगों ने लक्ष्मी-गणेश की पूजा कर सुख-समृद्धि का आशीष मांगा। रंगोली सजाकर धन-श्री की देवी के आगमन की कामना की।
गुरुवार को दिनभर बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ी रही। प्रमुख बाजारों की हालत यह थी कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। लोगों ने लइया, खील, गट्टे-खिलौने, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति, मिठाई, आभूषण व पूजन सामग्री की खूब खरीदारी की। निशा ढलते ही झालरों की टिमटिमाहट से पूरा माहौल जगमगा उठा। शुभ मुहूर्त में धनधान्य की देवी लक्ष्मी और विघ्नहर्ता गणेश की पूजा-अर्चना विधि विधान के साथ की गई। छतों पर कतारबद्ध दिये और मोमबत्ती से वातावरण आलोकित हो गया। सतरंगी आतिशबाजी से गगन भी गुंजित व प्रकाशमान हो रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों आसमान में जगह-जगह इंद्रधनुष बन रहे हों। सुख-समृद्धि के प्रतीक पर्व पर व्यापारियों ने बही का पूजन कर नव वर्ष की शुरुआत की। ऐसा माना जाता है कि व्यापारी वर्ग इस दिन पुरानी के बजाए नई बही का इस्तेमाल शुरू करता है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भक्तिभाव से गणेश-लक्ष्मी पूजन किया गया। मंदिरों को भी सजाया गया था। झालर व दीप की रौशनी में नहाए मंदिर आलौकिक छटा बिखेर रहे थे। लोगों ने विभिन्न माध्यमों से एक-दूसरे को बधाई दी। घर-घर जाकर उपहार भेंट किए और गले मिलकर दीपावली की बधाई व शुभ कामनाओं का आदान-प्रदान किया। गुरुवार का दिन, चतुग्रही एवं विषकुंभ योग, वृष लग्न व चित्रा नक्षत्र के चलते दीपावली का महत्व काफी बढ़ गया था। यम नियम से मां लक्ष्मी, गणेश - कुबेर तथा देवराज इंद्र की पूजा की गई।