डीआइओएस के निरीक्षण में खुली पोल
शाहजहांपुर : राज्य शिक्षा निदेशक के आदेश राजकीय इंटर कॉलेजों पर रत्ती भर असर नहीं दिखाई दे रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद् से स्पष्ट निर्देश है कि राजकीय इंटर कॉलेजों को अपनी उत्कृष्टता हर हाल में साबित कर नजीर पेश करनी होगी। न्य कॉलेजों इससे प्रेरणा लेकर गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने में कोताही न बरतें। इसके बाद भी दीवार, छत पर उगे पीपल और दो माह से प्रयोगशाला में बंद ताले राजकीय कॉलेजों की शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विनय मोहन वन ने माध्यमिक शिक्षा परिषद् से संचालित चार राजकीय इंटर कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया तो कलई खुलकर सामने आ गई। डीआइओएस कार्यालय से सौ कदम की दूरी पर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में डीआइओएस ने एमडीएम व शैक्षिक गुणवत्ता की जांच की। कॉलेज घुसते ही दीवारों व छत पर उगे पीपल के पौधों को देखकर त्यौरियां चढ़ गई। उन्होंने सवाल उछाला इससे क्या कॉलेज भवन को क्षति नहीं पहुंचेगी? वहीं जानकारी पर संज्ञान में आया कि प्रयोगशाला में दो माह से कोई प्रैक्टिकल नहीं कराया गया। वहीं केमिस्ट्री प्रवक्ता ओमप्रकाश पढ़ा रहे थे। लैब में जाले व धूल अटी पड़ी थी। डीआइओएस ने कक्षा 11 में शिक्षिका को बैठकर हिंदी विषय अध्यापन करते पाया। टूटे श्यामपट को देखकर उलाहना दी। कम्प्यूटर कक्ष में धूल, मैदान में उगी घास देखकर डा. विनय ने तत्काल कॉलेज व्यवस्था चौकस करने की चेतावनी दी। उन्होंने इसके पश्चात राजकीय हाईस्कूल जमुनिया, जीआईसी पडैंचा, जीआइसी पिपरौला का भी निरीक्षण किया। यहां भवन निर्माण में त्रुटियों को सुधारने के निर्देश दिए।