बच्चों को स्कूल लाने खुद पहुंचे बीएसए
शाहजहांपुर : दबंग के खौफ से घर में सिमटे बच्चों को स्कूल लाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी गांव पहुंच गए। बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी के मान-मनौव्वल के बाद ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजा। ग्रामीण गांव का विकास न होने की तोहमत भी विभाग पर मढ़ रहे थे।
थाना रोजा अंतर्गत कारीमकुआपुर का मजरा नटपुरा के लटूरी का बेटा रामदेव प्राइमरी विद्यालय में कक्षा चार में पढ़ता है। स्कूल के पास तिलहर थाना क्षेत्र का रहने वाला सुखपाल स्कूल के पास एक भवन में कब्जा करके रहता है। रामदेव 24 अगस्त को स्कूल जा रहा था तभी सुखपाल ने रास्ते से निकलने से मना करते हुए डंडे से उसकी पिटाई कर दी। बुरी तरह घायल रामदेव के हाथ की अंगुली भी टूट गई थी। खौफ के कारण रामदेव अगले दिन स्कूल नहीं गया। पिता लटूरी बेटे को लेकर 26 सितंबर को पुलिस कप्तान से मिले। एसपी के एक्शन लेने के बाद 27 सितंबर को रिपोर्ट दर्ज हो गई। पुलिस ने अभियुक्त की तलाश में दबिश दी लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। वहीं गांव वालों ने दबंग के कारण अपने बच्चों को भी स्कूल भेजना बंद कर दिया। स्कूल में करीब 56 बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों के स्कूल न जाने की सूचना जब बीएसए राजेश कुमार वर्मा को दी गई तो वह सोमवार सुबह सोमवार सुबह साढ़े सात बजे खंड शिक्षा अधिकारी भगवान राव, पूर्व प्रधान मेवाराम, जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाचार्य अयूब अली
के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि आरोपी की तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही है। स्कूल में किसी को कोई खतरा नहीं है। इस पर ग्रामीणों का कहना था कि स्कूल का निर्माण गांव में भी होना चाहिए। बीएसए ने एक स्कूल के होते हुए 150 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल बनवाने में हाथ खड़े कर दिए। ग्रामीण विकास न होने की बात भी कर रहे थे। बीएसए ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें, पूरी सुरक्षा दी जाएगी। करीब दो घंटे की जिद्दोजहद के बाद ग्रामीण माने और 48 बच्चे स्कूल आए। स्थिति सामान्य देखकर शिक्षा विभाग का अमला वापस हो गया। वहीं रोजा एसओ एनडी पाठक ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है।