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शहीद नगरी से राजधानी को चली पहली ट्रेन

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 12:02 AM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 12:02 AM (IST)
शहीद नगरी से राजधानी को चली पहली ट्रेन

शाहजहांपुर : शहीद नगरी से प्रदेश की राजधानी का सफर आसान हो गया है। रेलवे के इतिहास में पहली बार जनपद से लखनऊ के लिए रेल सेवा शुरू हो गई है। सोमवार को स्टेशन अधीक्षक ने झंडी दिखाकर मोटर इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (मेमो) ट्रेन को रवाना किया। करीब दो दर्जन यात्रियों ने हरदोई और लखनऊ के लिए टिकट लेकर यात्रा की।

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सोमवार को शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच से इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट रेल सेवा शुरू हो गई। अभी तक यह ट्रेन रोजा जंक्शन यार्ड में ठहराव के बाद हरदोई से लखनऊ के लिए जाती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल बजट में जनपद को राजधानी के लिए सीधी रेल सेवा का तोहफा दिया। स्टेशन अधीक्षक एके गौतम ने सोमवार की सुबह ठीक 6.20 बजे ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। गार्ड आरके श्रीवास्तव के घंटी बजाते ही पायलट प्रेमशंकर शुक्ला ने ट्रेन को लखनऊ के लिए दौड़ा दिया। इस अवसर पर कैरिज-वैगन, परिचालन, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य आदि अनुभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

हरदोई और लखनऊ के लिए बिके टिकट

ईएमयू ट्रेन के शुभारंभ पर करीब दो दर्जन रेल यात्रियों ने लखनऊ और हरदोई के लिए टिकट लिए। बुकिंग क्लर्क शिवम और हरवंश के अनुसार सुबह के समय पैसेंजर ट्रेन के लिए लखनऊ और हरदोई के लिए करीब दो दर्जन पैसेंजर ट्रेन के टिकट बिके। जबकि अभी तक सुबह के समय सिर्फ एक्सप्रेस टिकटों की बिक्री होती थी। तीन घंटा 55 मिनट बाद जब ट्रेन लखनऊ पहुंची तो ट्रेन पल रखने की जगह न थी। लखनऊ से ट्रेन शाहजहांपुर के लिए शाम साढ़े सात बजे रवाना किया गया।

12 घंटे के बीच नहीं थी कोई पैसेंजर

शाहजहांपुर : लखनऊ समेत बीच के स्टेशनों के लिए रात साढ़े बजे से पूर्वान्ह साढ़े बजे तक कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं थी। मेमो के शुभारंभ से यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ गई। खासकर दैनिक यात्रियों को विशेष सुविधा हुई। पहले दिन ट्रेन, रोजा, आंझी शहबाद के बाद टोडरपुर भी रुकी, जबकि यहंा स्टापेज नहीं थी। इसके बाद बेहटा गोकुल, हरदोई, करना मसीत, बघौली ,बालामऊ, दलेलनगर, उमरपाली, संडीला, रहीमाबाद, दिलावल नगर, महिलाबाद, काकोरी, आलमनगर रेलवे स्टेशन होती हुई मेमो सवा ग्यारह बजे चारबाग जंक्शन पहुंची।

64221-64222 अप व डाउन मेमो ट्रेन की खासियत

- यह ट्रेन झंडी के बजाय घंटी से चलेगी ट्रेन।

- 100 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रेन को दौड़ाया जा सकेगा। जबकि पैसेंजर श्रेणी की ईएमयू ट्रेन की अधिकतम गति 96 किमी प्रति घंटा होती है।

- ट्रेन में डबल इंजन है। इस कारण को अप और डाउन लाइन पर सीधे चलाया जा सकेगा।

- शाहजहांपुर से ट्रेन सुबह 6.20 बजे लखनऊ के लिए प्रस्थान करेगी। लखनऊ से शाम 7.20 बजे वापस होकर यहां 11.50 आ जाएगी।

.. तो शहीदों को होगी सच्ची श्रद्धांजलि

शाहजहांपुर : देश की आजादी में काकोरी कांड के महानायक अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां का अहम योगदान रहा। इसी कांड की वजह से उन्हें फांसी का फंदा चूमना पड़ा और अंग्रेज देश छोड़ने को विवश हुए। संयोग देखिए जिस काकोरी गांव के पास ट्रेन से खजाना लूटा गया था, वह चार बाग स्टेशन से पहले ही पड़ता है। अर्थात राजधानी और शहीद नगरी का राष्ट्रभक्ति की दृष्टि से गहरा नाता है। काकोरी कांड के शहीदों के नाम पर कोई ट्रेन भी नहीं संचालित है। यदि मेमो को बिस्मिल-अशफाक कौमी एकता ट्रेन सरीखे नाम के साथ रेल सेवा की शुरुआत हो तो यह शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धाजंलि के साथ ही शाहजहांपुर और लखनऊ के लिए गौरव की भी बात होगी।


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