एसओ और दरोगा के खिलाफ कोर्ट सख्त
संतकबीर नगर: लगभग चार वर्ष पूर्व बखिरा थाना परिसर में एक महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म का मामला
संतकबीर नगर: लगभग चार वर्ष पूर्व बखिरा थाना परिसर में एक महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। मामले में एसपी के आदेश पर तत्कालीन एसओ व दरोगा समेत छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा बखिरा थाने में ही दर्ज हुआ था। इसकी जांच करने के दौरान विवेचनाधिकारी ने आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित कर दिया था। पीड़िता द्वारा जांच रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी। इसे लेकर कोर्ट ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए शुक्रवार को तत्कालीन एसओ ओर दरोगा समेत तीन के खिलाफ समन जारी किया।
बखिरा थाना क्षेत्र के ग्राम पकड़िया निवासिनी एक महिला ने एसपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा था कि उसके पति को बस्ती कोर्ट से जारी वारंट के मामले में बखिरा चौकी के दो सिपाही 19 मई 2013 को सब्जी खरीदने के दौरान गिरफ्तार करके थाने ले गए थे।वह पति की तलाश में थाने पर पहुंची थी इस दौरान शराब के नशे में धुत दरोगा शिवाजी राव, सिपाही तेज प्रकाश ¨सह व थानाध्यक्ष द्वारा उसके पति के सामने ही उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। लाकप में बंद पति द्वारा विरोध करने पर उसे मारपीटकर घायल भी कर दिया गया था। इसे लेकर 24 मई 2013 को मुकदमा दर्ज हुआ था। इसकी विवेचना थानाध्यक्ष मेहदावल द्वारा किया गया था। विवेचक ने 14 सितंबर 2013 को कोर्ट में जांच की प्रति प्रस्तुत कर मामले को झूठा बताया था। इसे लेकर महिला ने कोर्ट में प्रोटेस्ट दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दीपकांत मनि ने पत्रावली पर दाखिल मेडिकल रिपोर्ट व साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत विवेचक द्वारा भेजी गई अंतिम आख्या को निरस्त करते हुए दरोगा शिवाजी राव, सिपाही तेज प्रकाश ¨सह समेत तत्कालीन थानाध्यक्ष बखिरा के खिलाफ समन जारी करते हुए 4 अप्रैल को प्रस्तुत होने का आदेश किया है। इसके साथ ही अब यह मामला सरकारी मुकदमें के रुप में विचारित होगा।