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इंसर्टरमजान-रमजान के तीसरे जुमा पर अदा की नमाज

संतकबीर नगर : रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज बड़ी मस्जिद में अकीदत से लोगों ने अदा की। इस मौके पर मद

By Edited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 11:14 PM (IST)
इंसर्टरमजान-रमजान के तीसरे जुमा पर अदा की नमाज

संतकबीर नगर : रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज बड़ी मस्जिद में अकीदत से लोगों ने अदा की। इस मौके पर मदरसा तालीमुल कुरान के मौलाना महमूद अहमद कासमी ने कहा कि इस मुबारक माह में अच्छा कार्य करें। रमजान माह यही सबक देता है कि मौत कब आ जाए, किसी को पता नहीं। उन्होंने शबे कदर की खूबियां बयान की। कहा कि

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यह रात हजार रात से बेहतर है। रम•ान के आखिरी अशरे में शबर कदर आती है।

इस रात ज्यादा से ज्यादा जिक्र करने, कुरान पढ़ने, नमाज पढ़ने, अल्लाह से तौबा करें,

एक ह़र्फ पढ़ने पर 10 नेकी मिलती है।

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रमजानुल मुबारक का महीना खैर व बरकत का

रमजानुल मुबारक के महीने में इशा नमाज के बाद 20 रकात नमाज पढ़ी जाती है।

मुसलमान रमजान के महीने नेक काम, इबादत, जिक्र, नमाज, गरीबों की मदद, भूख-प्यास पर सब्र, कुरान शरीफ की तिलावत, समर्पण सहयोग की भावना को सदैव बनाये रखें। इस धर्म के पांच प्रमुख स्तम्भ है। रमजान के इस बरकत वाले महीने सभी पांचों शिक्षा पर अमल करने का मौका मिलता है। पवित्र धर्म ग्रन्थ इसी महीने में अवतरित हुआ। इस महीने का अंतिम दस दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी एक रात की इबादत हजार रात के समान है।

- जफीर अली करखी


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