सरकारी रकम पर महंगाई भारी
संतकबीर नगर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये जाने वाले शौचालयों के लिए प्रति शौचालय दी जार रही रकम प
संतकबीर नगर:
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये जाने वाले शौचालयों के लिए प्रति शौचालय दी जार रही रकम पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। उनके सवालों में दम भी है। मोटे तौर पर देखा जाए तो एक शौचालय के निर्माण में करीब 30 हजार रूपए का खर्च है जबकि मिल रहे हैं सिर्फ 12 हजार।
राजमिस्त्री की मजदूरी जहां 400 से 450 रुपया है वहीं मजदूर की दिहाड़ी प्रतिदिन 200 रुपए है। प्रति बोरी सीमेंट 350 रुपया, मोरंग-70 रुपया, सादा बालू-35 रुपया, गिट्टी-100 रुपया तथा प्रति हजार अव्वल ईंट 11,500 रुपये, साधारण ईंट-8,000 रुपये। मिल रही रकम 12 हजार रुपये में केवल एक हजार अव्वल ईंट ही खरीदी जा सकती है। करीब एक माह पूर्व जनपद के नौ गांवों को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चयनित किया गया है, इसके लिए इन गांवों में घर-घर शौचालय बनाया जाना है।
शिक्षक परमात्मा चौधरी का कहना है कि महंगाई के अनुरुप शौचालय बनाने के लिए सरकार को धनराशि देनी चाहिए, वह भी सीधे लाभार्थी के खाते में। जो राशि निर्धारित है, उतने में यदि लाभार्थी अपने पास से पैसे न लगाए तो साधारण शौचालय बनवाना मुश्किल है। इसी ब्लाक के ग्राम पंचायत सियरासाथा निवासी कुंवर फकीर बख्श बहादुर ¨सह का कहना है कि स्वच्छता अभियान के तहत बने अधिकांश शौचालयों के बेकार होने की मुख्य वजह कम दर है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचमुक्त बनाने के लिए 1,563 परिवार चयनित हैं। इन ग्राम पंचायतों में तीन जूनियर हाईस्कूल और आठ प्राथमिक विद्यालय हैं। इन नौ ग्राम पंचायतों में केवल 140 परिवारों के पास ही शौचालय की सुविधा है। वहीं 26 शौचालय उपयोग के लायक नहीं। इन 09 चयनति ग्राम पंचायत में 1,423 के पास शौचालय की सुविधा नहीं है। इन्हें तीन माह के अंदर यह सुविधा दी जानी है।