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डा. एपीजी का जीवन प्रेरणा व एकता की मिसाल

धनघटा : दैनिक जागरण के तत्वावधान में मंगलवार को श्रीमती शंकर देई बालिका इंटर कालेज धनघटा में हुई। स

By Edited By: Published: Tue, 13 Oct 2015 11:59 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2015 11:59 PM (IST)

धनघटा : दैनिक जागरण के तत्वावधान में मंगलवार को श्रीमती शंकर देई बालिका इंटर कालेज धनघटा में हुई। संस्कारशाला में भारत के 'मिसाइल मैन' के रूप में लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर विस्तार से चर्चा की गई। ईमानदारी व सज्जनता की मिसाल कायम रखते हुए सपनों को पूरा करने के लिए हिम्मत, आत्मविश्वास से बिना थके, बिना झुके, बिना रुके आगें बढ़ते रहने वाले महापुरूष के जीवन शैली से प्रेरणा लेने पर जोर दिया गया। संस्कारशाला को संबोधित करते हुए प्रबंधक भालचंद पाठक ने कहा कि डा. एपीजी अब्दुल कलाम का सफर उपलब्धियों से भरा था। साधारण परिवार में जन्मे पूर्व राष्ट्रपति कलाम को देश मिसाइल मैन के रूप में जानती है। मिसाइल मैन अब हमारे बीच नहीं रहे। वैज्ञानिक डाक्टर कलाम की दिन-रात की मेहनत का ही नतीजा था कि दुनिया में मिसाइल के क्षेत्र में भारत शिखर में पहुंचा। भारत में मिसाइल कार्यक्रम इन्हीं की देखरेख में आगे बढ़ा। 1962 में'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन'यानि इसरो से जुड़े--इसके बाद उन्होंने मिसाइल के विकास के लिए कई बड़े काम किए. पृथ्वी, अग्नि जैसी मिसाइलों की कामयाबी के पीछे कलाम की देन है। उनकी अगुवाई में ही भारत ने पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बनाकर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना परचम लहराया। ध्येय वाक्य कुछ करने की इच्छा वाले व्यक्ति के लिए इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर पहले हम ये जान ले कि हम कहा पर हैं और हम किस दिशा में जा रहे हैं, तो हमें क्या और कैसे करना चाहिए इसका बेहतर निर्णय कर सकते हैं। मित्र वो है जिसके शत्रु वहीं हैं जो आपके शत्रु हैं से सींख लेने के लिए मार्ग दर्शन किया। 15 अक्टूबर को उनका जन्म दिन पर हमें प्रेरणा लेनी होगी।

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-------------------------कुछ करने की मिली सींख

- संस्कारशाला से छात्राओ ने ली सीख स्कूल की छात्रा खुशबू ने कहा कि देश में मिसाइल मैन जो अलख जगाया उससे हमे आपने पर निर्भर होने की सीख देता है। माया पांडेय ने कहा कि जो व्यक्ति परिश्रम के बल पर आगे बढता है यह शिक्षा हर समय काम आने वाली है। स्मृति शुक्ला ने कहा के संस्कारशाला में मानवता की सींख मिली। सीमा ने कहा कि उच्च पद पर रहते हुए सादगी की मिसाल प्रेरणाप्रद है। शशिप्रभा, अंजनी, ,जया अनामिका ने कहा कि संस्कारशाला ज्ञान का भंडार है। बच्चों ने कहा कि संस्कारशाला से देश, समाज व औरों के प्रति अच्छा करने की सींख मिली।

--------------------जागरण के कार्य सराहनीय

पूर्व राष्ट्रपति अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम अथवा डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानते हैं। अपने विरोधियों से मित्रता कर विरोध को नष्ट करने, अपने साथी नागरिकों का भरोसा न तोड़ने की सींख देने वाले महापुरूष थे। उनके विचार हर समय की प्रासंगिक रहेंगे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व देश सेवा की। एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन संभाला। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा उनके पास कभी भी कुछ बहुतायत में नहीं रहा और इसमें उन्हीं का दोष था. लेकिन वह हम सबमें सबसे अच्छे मनुष्य थे। जागरण ने संस्कारशाला में ऐसी हस्तियों के जीवन को शामिल करके नेक कार्य किया है।

- कुसुम द्विवेदी

- प्रधानाचार्या


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