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कांटे : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में सेमरियावां और बघौली ब्लाक में मतदान के दौरान केंद्
कांटे : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में सेमरियावां और बघौली ब्लाक में मतदान के दौरान केंद्रों के आस पास पूरे दिन गहमा गहमी बनी रही। प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस महकमा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मतदान केंद्रों तक दिन भर चक्कर काटता रहा, लेकिन कई स्थानों पर विवाद होने से बचा न पाया। सूचना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचे और शांति व्यवस्था के लिए सख्त निर्देश दिए। पुलिस पूरे दिन लाठी डंडे भांजती रही और मतदान केंद्रों के आस पास से समर्थकों को खदेड़ती रही। लेकिन जब शाम हुई तब जाकर मामला मतदान केंद्रों के आस पास गहमा गहमी पर विराम लग पाया।
मतदान के दौरान विवाद की पहली घटना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम उमिला में हुई। यहां गांव की वयोवृद्ध महिला बालसुधा का मत किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दिए जाने का विरोध करते हुए दो पक्ष आपस में भिड़ गए। मामला गरमाने लगा और बात थोड़ी ही देर में पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों तक पहुंच गयी। इतने में ही कांटे चौकी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गई। मौके पर पुलिस बल को पहुंचता देख विवाद में उलझे लोग मौके से फरार हो गए। थोड़ी ही देर में जिलाधिकारी डा0 सरोज कुमार एवं पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार भट्ट भी मौके पर पहुंच गए। और डयूटी पर तैनात कर्मियों को कड़ी सुरक्षा सबंधी सख्त निर्देश दिए। जिसके बाद से पुलिस ने मतदान केंद्र के आस पास घूम रहे प्रत्याशी समर्थकों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इसके बावजूद भी पूरे दिन मतदान केंद्र पर गहमा गहमी बनी रही।
दूसरी घटना क्षेत्र के ग्राम डारीडीहा में हुई। यहां भी शाम के समय मतदान में एक दूसरे पर धांधली किये जाने का आरोप लगाते हुए दो पक्ष आपस में उलझ गए। मामला किसी प्रकार का तूल पकड़ता इससे पहले ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और स्थिति सामान्य हो गई। यहां भी मतदान केंद्र के आसपास से लोगों की भीड़ हटाने के लिए पुलिसकर्मियों ने हवा में लाठियां भांजी। टेमा रहमत में मतदान केंद्र गांव के बीच में होने से लोगों की भारी भीड़ केंद्र पर जमा होने लगी थी। इससे पहले की मामला किसी बिवाद में तब्दील होता अपर पुलिस अधीक्षक डा0 मनोज कुमार और मुख्य विकास अधिकारी लालजी यादव मौके पर निरीक्षण करने पहुंच गए जिसके बाद से पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लोगों को मतदान केंद्र से दूर किया। मतदान के दौरान जिला प्रशासन एवं पुलिस के उच्चाधिकारी केंद्रों पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लेते रहे।