दूषित पेयजल ने बढ़ाई स्वास्थ्य की चिंता
संत कबीर नगर : जनपद में जल जनित मस्तिष्क च्वर के मामले सामने आने से पेयजल की शुद्धता को लेकर स्वा
संत कबीर नगर :
जनपद में जल जनित मस्तिष्क च्वर के मामले सामने आने से पेयजल की शुद्धता को लेकर स्वास्थ्य महकमा चौकन्ना हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगे इंडिया मार्क हैंडपंपों से दूषित पानी निकलने की शिकायतें भी निरंतर बढ़ रही है। मानक के अनुसार बो¨रग न किए जाने से अधिकांश गांवों में हैंडपंपों से पीला व दूषित जल निकल रहा है। आश्चर्यजनक पहलू यह है कि प्रशासन द्वारा जांच-पड़ताल नहीं कराई जा रही है।
ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 648 ग्राम पंचायतों के बीच करीब 24,500 इंडिया मार्का हैंडपंप लगाये गये हैं। बीते सत्र में 900 हैंडपंपों की इस साल रिबो¨रग भी करायी गई है। नियमत: इंडिया मार्क हैंडपंपों को सौ फिट से अधिक गहराई वाला होना चाहिए। खलीलाबाद, बघौली, पौली, हैंसर, नाथनगर आदि ब्लाक क्षेत्र गांवों में लगे अधिकांश हैंडपंपों की शिकायतें हैं, उससे मानक अनुरूप बो¨रग कराने पर ग्रामीण को संदेह है। इससे शुद्ध पानी तो निजी हैंडपंपों का है जो कि बमुश्किल चालीस से सत्तर फिट की गहराई वाले हैं।
फिलहाल, दूषित पेयजल की समस्या ने स्वास्थ्य महकमे की नींद हराम कर दी है। दूषित पेयजल जल जनित मस्तिष्क ज्वर ही नहीं फैला रहे, बल्कि डायरिया, उल्टी-दस्त व पीलिया की बीमारी भी अमूमन दूषित पानी से ही फैलती है। हालांकि विभाग द्वारा नियमित रूप से ग्रामीण इलाकों में क्लोरीन की गोलियां व ब्लीचिंग पाउडर वितरित करने का अभियान चलाया जाता है, किन्तु जब जल स्रोत ही दूषित पानी उगल रहे हैं तो फिर ग्रामीण जनता कहां तक क्लोरीन की गोली पानी में घोल कर सेवन करेगी। ग्रामीणों दावा है कि यदि प्रशासन इंडिया मार्क हैंडपंपों के बो¨रग की गहराई की जांच कराएं तो गंभीर अनियमितताएं सामने आ सकती हैं।
- उपलब्ध होगा शुद्ध पीने का पानी
रोगों से बचाव के लिए जनपदवासियों को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। बरसात को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जहां भी हैंडपंप खराब है उन्हें ठीक कराया जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार कर लापरवाही बर्दाश्त नही जाएगी।
- सरोज कुमार
-जिलाधिकारी