Move to Jagran APP

सूना पड़ा कार्यालय, नहर की समस्या से किसान परेशान

संत कबीर नगर: एक तरफ तपती धूप में गन्ने और सब्जियों की खेती को बचाने के लिए किसान ¨सचाई की समस्या झ

By Edited By: Published: Wed, 27 May 2015 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 11:05 PM (IST)

संत कबीर नगर: एक तरफ तपती धूप में गन्ने और सब्जियों की खेती को बचाने के लिए किसान ¨सचाई की समस्या झेल रहे हैं वहीं नहरों का कार्य पूरा न होने से मामला खटाई में पड़ा हुआ है। नहर संबंधी समस्याओं को सुनने के लिए ¨सचाई विभाग के सरयू नहर खंड तीन द्वारा बनवाया गया केएनराम ¨सचाई कालोनी पूरी तरह से वीरान पड़ा है। जिम्मेदारों के न रहने से क्षेत्र में ¨सचाई समस्या का हल निकलने का नाम ही नहीं ले रहा है।

loksabha election banner

सरयू नहर परियोजना का कार्य संचालन के लिए नंदौर मे ¨सचाई विभाग द्वारा कैंप कार्यालय और कालोनी का निर्माण कराया गया था। इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों के रहने के लिए आवास और कार्यालय लाखों खर्च करके बनवाए गए थे। नंदौर बांसी मार्ग के किनारे बनी उक्त कालोनी पर हर माह के द्वितीय गुरुवार को खेसरहा विकास खंड के किसानों की समस्या सुनने के लिए सहायक अभियंता प्रथम और तृतीय के साथ ही डीआरओ और दो अवर अभियंताओं के साथ राजस्व कर्मी रहने के लिए बोर्ड बाहर लगाया गया है। सांथा क्षेत्र के किसानों की समस्या सुनने के लिए सहायक अभियंता पंचम, दो अवर अभियंता के साथ दो राजस्वकर्मी, मेंहदावल विकास खंड के किसानों की समस्या सुनने के लिए सहायक अभियंता द्वितीय, चतुर्थ के साथ ही दो अवर अभियंता और जिलेदार आदि को उपलब्ध रहने का निर्देश लिखा हुआ है। बोर्ड पर उक्त आदेश अधिशाषी अभियंता सरयू नहर खंड तीन बस्ती द्वारा लिखा गया है। कालोनी बनने के बाद से कुछ दिन तक तो अधिकारी बैठते रहे परंतु अब एक दशक से अधिक समय से पूरी कालोनी खाली पड़ी रहती है जिससे परिसर मे झाड़ आदि उग जाने से लाखों के बने भवन बेकार हो रहे हैं। अब यहां अपनी समस्या सुनाने के लिए किसानों ने आना भी बंद कर दिया है। खास बात तो यह है कि अभी तक सरयू नहर के निर्माण का कार्य भी पूरा न हो पाने से माइनर को कौन कहे मुख्य नहर ही संचालित नहीं हो पाई है। बावजूद इसके अब यहां कोई भी किसानों का हाल सुनने वाला नहीं है।

- घास काटने के लिए दिखते हैं किसान

नंदौर निवासी रजी अहमद अंसारी, शहजादे खां, विनोद जायसवाल, सलीम दुर्रानी आदि ने कहा कि अधिकारियों के न रहने से अब किसान यहां फरियाद सुनाने के बजाय परिसर में घास काटने के लिए ही कभी कभार दिखते हैं। तैनात पर्यवेक्षक द्वारा ही कालोनी का ताला खोलकर परिसर को कभी कभी रोशन किया जाता है। किसानों ने अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था के साथ ही नहरों को पूरा करवाने की मांग किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.