सात साल में भी जर्जर बना अस्पताल भवन
संत कबीर नगर : स्थानीय कस्बे में जनता को स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था देने के लिये आयुर्वेदिक अस्पताल
संत कबीर नगर : स्थानीय कस्बे में जनता को स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था देने के लिये आयुर्वेदिक अस्पताल को लगभग सात साल पहले अपने भवन में स्थानांतरित किया गया। उस समय जनता में उम्मीद जगी कि अब यहां बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा मिलेगी। विडंबना है कि सात साल के अंदर न तो भवन का रंग रोगन कराया गया और न ही मरम्मत। परिणामस्वरूप अस्पताल भवन के प्लास्टर जहां ढहने लगे हैं वहीं फर्श टूटकर गड्ढे में तब्दील हो गई है। स्थानीय लोगों ने भवन की मरम्मत कराने की मांग की है।
धनघटा कस्बे में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए लाखों की लागत से आयुर्वेदिक अस्पताल भवन का निर्माण कराया गया। शुरुआती दिनों में लोगों को इससे लाभ भी मिला। भवन निर्माण के बाद न तो रंग रोगन किया गया और न न ही मरम्मत का कार्य कराया गया। रखरखाव के अभाव में दीवारों के प्लास्टर जहां टूटकर गिर रहे हैं, वहीं कमरे के फर्श में भी गड्ढे हो गए हैं। फर्श टूटने से आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है तो बारिश के दिनो में बाहर से छीटा जाने के कारण कमरे मे पानी भर जाने से और परेशानी बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों ने अस्पताल के भवन की मरम्मत कराने की मांग की है।