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पिता व पुत्र की मौत से पत्थर बना रामनरायन

संत कबीर नगर: एक साथ पिता और पुत्र के मार्ग दुर्घटना में मौत होने की सूचना पाकर रामनरायन पत्थर बन

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 10:42 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 10:42 PM (IST)

संत कबीर नगर:

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एक साथ पिता और पुत्र के मार्ग दुर्घटना में मौत होने की सूचना पाकर रामनरायन पत्थर बन गया है। पुलिस की सूचना पर मेंहदावल थाने पर आने के बाद पिता और पुत्र की क्षत विक्षत लाश को देखने के बाद उसके मुंह से कोई शब्द ही नहीं निकल पा रहे थे। उसकी पत्नी और मां के दहाड़ मारकर रोने को लेकर पूरा मेंहदावल कस्बा तथा ग्राम पचेठी के लोगों का कलेजा भर आ रहा था।

पचेठी निवासी धर्मदेव यादव बेलहर क्षेत्र के राष्ट्रीय इंटर कालेज पारसनगर में शिक्षक थे। वह चार वर्ष पूर्व सेवा निवृत्त हुए थे तथा अपने कर्मठ स्वभाव से पूरे परिवार को सहारा दे रहे थे। उनके दो पुत्र हैं जिसमें बड़ा रामनरायन है तथा दूसरा राजदेव है जो सेना में तैनात है। मेंहदावल क्षेत्र के ग्राम नौगों में राजदेव के साढ़ू के पिता की मौत हो गई थी जिसका शनिवार को भोज था। वह अपने साथ रामनरायन के सोलह वर्षीय पुत्र जय प्रकाश को लेकर वहीं जा रहे थे। जय प्रकाश खलीलाबाद के ब्लू¨मग बर्ड्स विद्यालय में पढ़ता था तथा उसने इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दिया था। छुट्टी होने के कारण वह भी अपने बाबा के साथ जा रहा था परंतु किसे पता था कि काल के क्रूर पंजे से दोनों की मौत हो जाएगी। धर्मदेव की पत्नी श्यामा देवी और बहू प्रभावती देवी मेंहदावल थाने पर पहुंचने के बाद परिवार की दो पीढि़यों को मरा देखकर दहाड़ मारकर रो रही थीं। दशा यह थी कि उनके दुख को देखकर सभी की आंखे भर आ रही थीं। दूसरी तरफ रामनरायन तो कुछ बोल ही नहीं पा रहा था वह थाने के चबूतरे पर बैठकर आने जाने वालों का मुंह देख रहा था।


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