गूंजी कबीर की वाणी, हवन व पूजन
, संत कबीर नगर : संत कबीर के 497 वां परिनिर्वाण दिवस पर कबीर चौरा परिसर में विभिन्न कार्यक्रम आयोज
, संत कबीर नगर :
संत कबीर के 497 वां परिनिर्वाण दिवस पर कबीर चौरा परिसर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। लगातार तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में पहले दिन गुरुवार को ध्वजारोहण, संतों द्वारा बीजक व साखी ग्रंथ का पाठ किया गया। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आये संतों द्वारा कबीर धूनी पर भंडारे आयोजन किया गया।
मान्यता के अनुसार आज से 497 वर्ष पूर्व माघ, शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन सद् गुरू कबीर साहब मगहर में भक्तों को अंतिम उपदेश देने के बाद पर्णकुटी में प्रवेश किये और अंतध्र्यान हो गए। इस दिन प्रत्येक वर्ष संत कबीर का परिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से कबीर पंथी जुटते हैं। कबीर चौरा परिसर में तीन दिनों तक संतों का समागम होता है। कबीर की सूफी भजनों से प्रांगण गुंजायमान रहता है। इसी क्रम में प्रथम दिन कबीर मठ के महंत विचार दास ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद संतों द्वारा बीजक और साखी ग्रंथ का पाठ और हवन किया गया। महंत ने कहा कि भक्तों की कबीर साहब को सच्ची श्रद्धांजलि तभी है, जब उनके विचारों को दुनिया में फैलाया जाए। दोपहर बाद ग्राम कसरवल के निकट कबीर धूनी पर संतों द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजस्थान के काना राम, बिहार के बैरागी, दिल्ली के केशव शर्मा, इंद्रदेव, बनारस से रीता बहन, तिलक राम, पन्ना दास, गरीब दास, दयाल साहेब समेत तमाम कबीर पंथी मौजूद रहे।