¨रग बांध की सुरक्षा में लापरवाही उजागर
संत कबीर नगर: राप्ती नदी के किनारे स्थित बैलौली गांव की जमीन कटकर हर वर्ष नदी की धारा में विलीन हो
संत कबीर नगर: राप्ती नदी के किनारे स्थित बैलौली गांव की जमीन कटकर हर वर्ष नदी की धारा में विलीन हो रही है। इसके बाद भी बचाव के लिए अभी तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किया जा रहा है। गांव की सुरक्षा के लिए बनाए गए ¨रग बांध का भी अधिकांश हिस्सा बरसात में कटकर नदी में चला गया है परंतु अब तक बचाव के लिए करमैनी बेलौली बांध के जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गांव की सुरक्षा की व्यवस्था कराने की मांग की है।
19.2 किमी लंबे करमैनी बैलौली बांध के अंतिम सिरे पर स्थित बैलौली गांव चार दशक से ही राप्ती नदी की धार से बचने के लिए अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। अब तक गांव का बड़ा हिस्सा कटकर नदी में विलीन हो चुका है। काफी संख्या में लोग अपने घरों के कट जाने से दूसरे स्थानों पर आवास बनाने के लिए मजबूर हो चुके हैं। गांव को बचाने के लिए दस वर्ष पहले ¨रग बांध का निर्माण करवाया गया था जो नदी की धार मुड़ने से सीधे ठोकर पर आ गया है। बरसात में नदी की उफान से ¨रग बांध और गांव की तरफ कटान करके नदी गांव की ओर बढ़ गई है। गांव का खड़जा मार्ग भी कटकर आधा हिस्सा गिर गया है। इसे लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था, परंतु बचाव के लिए अभी तक कोई इंतजाम नहीं किया जा सका है। ग्राम प्रधान मार्कंडेय त्रिपाठी, राजेंद्र तिवारी, मनोज कुमार, पप्पू तिवारी, सर्वेश, हरिकेश त्रिपाठी, अर्जुन, रामशंकर, ब्रह्मदेव आदि ने बताया कि समय रहते यदि गांव के बचाव के लिए ठोकर आदि नहीं बनाया गया तो अगले कुछ वर्षो में पुराने बेलौली गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। सभी ने जिलाधिकारी से बांध पर करवाए जा रहे कार्यो के दौरान ही ¨रग बांध और गांव की सुरक्षा के लिए भी प्रोजेक्ट बनाने की मांग की है।