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अधिशासी अभियंता के सामने किसी की न चली

संत कबीर नगर : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नाराजगी के बाद जनसभा मंच का मामला तूल पकड़ लिया है। शासन न

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 11:25 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 11:25 PM (IST)
अधिशासी अभियंता के सामने किसी की न चली

संत कबीर नगर : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नाराजगी के बाद जनसभा मंच का मामला तूल पकड़ लिया है। शासन ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निलंबित करते हुए मंडलायुक्त बस्ती सुधीर कुमार श्रीवास्तव, डीएम प्रकाश ¨बदु एवं अपर जिलाधिकारी अजयकांत सैनी से स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़े इस प्रकरण में हालांकि धनघटा के विधायक अलगू प्रसाद चौहान के एतराज के बाद मंडलायुक्त ने नाराजगी जताते हुए अस्थायी मंच को हटाकर स्थायी बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन अधिशासी अभियंता के सामने किसी की नहीं चली। अन्तत: छोटा मंच ही बना और मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए शब्दों के बाण चलाए। बहुप्रतीक्षित बिडहरघाट पर बने पुल समेत छह परियोजनाओं के लोकार्पण के लिए मुख्यमंत्री का 17 दिसंबर का कार्यक्रम तीन दिन पूर्व प्रशासनिक स्तर पर फाइनल हुआ। ऐसे में कार्यक्रम स्थल ,धनघटा के समीप बकौली बाग में तैयारी मंगलवार से शुरू हुई। सुबह से हेलीपैड व मंच का निर्माण जोर पकड़ा। दोपहर तक सपा नेता एवं प्रशासनिक अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर जम गए। इसी क्रम में विधायक अलगू प्रसाद चौहान मंच को देखने चले गए। उन्होंने मंच के साइज एवं मजबूती पर एतराज जताया। इसकी शिकायत विधायक ने मौके पर मौजूद डीएम एवं एसपी से की। इस मुद्दे पर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से डीएम बात कर रहे थे, तब तक वहां मंडलायुक्त एवं डीआइजी बस्ती पहुंच गए। दोनों मंडल स्तरीय अधिकारियों ने जाकर मंच देखा और सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं पाया। इसके बाद मंडलायुक्त ने अधिशासी अधिकारी को फटकार लगाई और स्थायी मंच बनाने का फरमान जारी किया। मंडलायुक्त और डीएम की उपस्थिति के दौरान मंच उजाड़ दिया गया और स्थायी बनाने की तैयारी शुरू हो गई। सायंकाल चार बजे के आसपास जब प्रशासनिक अधिकारी व सपा नेता वहां से रवाना हो गए तो पुन: उसी नक्शे का मंच तैयार कर दिया गया, जो पहले बना था। इस मंच पर मुख्यमंत्री के अलावा सात सपा नेताओं की बैठने की व्यवस्था थी। मुख्यमंत्री के आने के बाद जब मंच पर संख्या बढ़ गई तो मंच छोटा पड़ गया। इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री नाराज हो गए और उन्होंने अपनी भावना संबोधन के दौरान सार्वजनिक कर दी।

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जिलाध्यक्ष ने सात नेताओं की सौंपी थी सूची

-प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिलाध्यक्ष रामनारायन यादव ने सात सपा नेताओं को ही मंच पर बैठाने की सूची सौंपी थी। इसी आधार पर मंच तैयार किया गया था। जब मुख्यमंत्री आए तो कई और सपा नेता मंच पर पहुंच गए। इसमें पूर्व सासंद भालचंद यादव भी शामिल थे, जिनको मुख्यमंत्री ने कुर्सी मंगवाकर अपने पास बैठाया। इसके अलावा संतोष यादव उर्फ सनी यादव, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम मंचासीन रहे। इसी तरह दो-तीन पदाधिकारी भी मंच पर जमे रहे, जिसके नाते मंच छोटा पड़ गया और यह मुख्यमंत्री को नागवार गुजरा।


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