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सतश्री अकाल, बोले से निहाल से गूंजा गुरुद्वारा

संत कबीर नगर : सिखों के नवम गुरु तेग बहादुर का 339वें बलिदान दिवस पर सतश्री अकाल व बोले सो निहाल के

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 11:36 PM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 11:36 PM (IST)
सतश्री अकाल, बोले से निहाल से गूंजा गुरुद्वारा

संत कबीर नगर : सिखों के नवम गुरु तेग बहादुर का 339वें बलिदान दिवस पर सतश्री अकाल व बोले सो निहाल के उद्घोष से गुरुद्वारा श्रीगुरु¨सह सभागार गूंज उठा। गुरु साहब के दरबार में भव्य झांकी सजाकर अखंड पाठ, कवि दरबार, भजन कीर्तन, गुरुवाणी, लंगर का आयोजन हुआ। सभी ने गुरु के समक्ष मत्था टेका और अपनी अरदास रखी।

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जनपद मुख्यालय स्थित गुरुद्वारा में ¨हद की चादर श्रीगुरु तेग बहादुर के शहीदी पर्व पर सिख समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। रागी जत्था का भजन सुन लोग गुरु भक्ति में श्रद्धा भाव से झूमने लगे।

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तेग बहादुर सिमरिया घर नौ निध आवे...

-शहीदी पर्व पर गुरु के प्रति त्याग, समर्पण का भाव रखते हुए श्रद्धा सुमन समर्पित कर शत शत नमन किया गया। पंजाब के ख्याति प्राप्त कलाकार सुलखन ¨सह निराला ने महिमा पर प्रकाश डालते कहा कि गुरु मानवता के प्रेमी थे। उन्होंने मन मोहक भजन प्रस्तुत कर गौरव गाथा सुनाया। अकाल तख्त अमृतसर के भाई गुरूदेव ¨सह निमाणा ने गुरु की तेग बहादुर सिमरिया घर नौ निध आवे. से महिमा पर प्रकाश डाला। ज्ञानी जो¨गद्र ¨सह, हजूरी रागी जत्था भाई गौतम ¨सह ने अरदास कर मंगल कामना की। संचालन करते हुए सरदार हरिमहेंद पाल ¨सह रोमी ने मन मंदिर तनु बसे.घर-घर तीरथ भयो सुनकार नौवी पातशाही गुरु का बखान किया। नपा अध्यक्ष जगत जायसवाल ने कहा कि सिख समाज की नींव ही शहादत पर रखी गई। शहादत का इतिहास सदैव स्मरणीय रहेगा। अध्यक्ष अजीत ¨सह ने कहा कि शहीदों के सिरताज गुरु तेग बहादुर ने सर्वत्र दान किया। परिवार की शहादत की गाथा सुनाकर कहा कि ऐसी शहादत न तो किसी ने न दी न देगा। शहादत धर्म रक्षा के साथ अ¨हसा व मानवता का संदेश देती रहेगी। सत¨वदर पाल ¨सह जज्जी ने गुरु के त्याग व मानवहित में किए कार्यों पर प्रकाश डाला। ज्ञानी व बीबी बलवंत ने सदाचार, आपसी भाईचारा का पालन कर गुरु के बताए सद्मार्ग पर चलने का संकल्प दिलाया। रागी जत्था व गत्का पार्टी का कार्यक्रम पर हर कोई मंत्र मुग्ध रहा। आरती के बाद प्रसाद का वितरण कर व अटूट लंगर आयोजित किया गया जिसमें सामाजिक समरसता का समावेश दिखा। इसमें भारी संख्या में लोगों ने शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया। सिरोपा भेंट करके आगंतुकों का अभिनंदन किया गया। इस मौके पर प्रदीप ¨सह, जगवीर ¨सह, सभासद रुद्र नाथ ¨सह, नरेंद्र ¨सह, अखिलेंद्र ¨सह, नरेंद्र ¨सह, सरदार हरिभजन ¨सह, देवेंद्र ¨सह, शैंकी ¨सह राजपाल इत्यादि सहित बांसी, मुंडेरवा, बस्ती, गोरखपुर, गोंडा, वाटलटरगंज, सिद्धार्थनगर आदि स्थानों की संगत उपस्थित हुई।

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नगर कीर्तन में उत्साह

-सायंकाल की नगर कीर्तन व शोभायात्रा श्रद्धा की अनुपम मिशाल बनी रही। श्रीगुरु दरबार व पंच प्यारे के आगे-आगे झाडू व पोछा लेकर सड़क की साफ-सफाई करती टोली का समर्पण देखने के लिए हर कोई आतुर रहा। पुष्प वर्षा के साथ आस्थावान गुरु के प्रति श्रद्धासुमन समर्पित किये। शोभायात्रा मिल चौराहे से अस्पताल गेट, बैंक चौराहा, कैंप कार्यालय, कालेज रोड, गोला बाजार, मुखलिसपुर तिराहा, चन्द्रशेखर तिराहा आदि स्थानों से होकर वापस गुरूद्वारे पहुंची। गुरु दरबार, गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी फिर पंच प्यारे शोभा बढ़ा रहे थे।

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साहसिक प्रदर्शन

-बलिदान दिवस पर गुरु के प्रति त्याग व समर्पण का भाव दिखा। छोटे-बड़े सभी उत्साह से साहसिक प्रदर्शन करते रहे। तलवार बाजी सभी के रोंगटे खड़ा कर दे रही थी।

वाहे गुरु-वाहे गुरु, खालसा के जयघोष से वातावरण गूंजामान रहा। तलवार बाजी के साथ पंच प्यारे की झांकी एवं वीरता से उत्साह देखते ही बन रहा था। इसे देख संगत निहाल होती रही। नन्हे -नन्हे बच्चे साहसिक कार्यक्रम की लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। “ोटे-छोटे बच्चों का प्रदर्शन देखने के हर कोई बेताब रहा।

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आगंतुकों का अभिनन्दन

- शहीदी पर्व के दौरान शुक्रवार को श्री गुरुद्वारा के समक्ष जी आयां नू से स्वागत आकर्षण का केंद्र बना रहा है। यहां आने वाले हर आगंतुकों का अभिनन्दन किया गया। यहां बच्चों से लगाए प्रौड़ वर्ग के लोग श्रद्धा भाव से लगे रहे। जहां निश्शुल्क जूता-चप्पल सुरक्षित करने के साथ चाय-पान व प्रसाद वितरण के साथ लंगर छकने के लिए आग्रह करने वालों की कमी नहीं रही। यहां बच्चे व किशोर पूरी निष्ठा से लगे रहे।


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