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मोहर्रम पर हिंदू भी रखते हैं ताजिया

जागरण संवाददाता, संत कबीर नगर :क्षेत्र में मोहर्रम का त्योहार हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रु

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 11:21 PM (IST)
मोहर्रम पर हिंदू भी रखते हैं ताजिया

जागरण संवाददाता, संत कबीर नगर :क्षेत्र में मोहर्रम का त्योहार हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रुप में मनाए जाने की परंपरा रही है। हिंदू लोग ताजिया तो बनाते ही हैं, पायख बनकर मेले में ताजिए को पंखा करने का व्रत भी रखते हैं। कस्बे और तहसील क्षेत्र के गांवों में यह परंपरा आज भी जीवंत है।

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कस्बे के बारागद्दी, भितरी मुहल्ला, पश्चिम टोला, उत्तर पट्टी समेत अनेक स्थानों पर दो माह से पूर्व ही ताजिया बनाकर संग्रह करने के कार्य में कलाकार लगे हुए हैं। क्षेत्र में धौरापार, बखिरा, बरईपार, तुनिहवां समेत अनेक गांवों में मुसलमानों के साथ ही हिंदू भी मोहर्रम के त्योहार में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। बरईपार निवासी हरीराम प्रजापति ने बताया कि वह लगभग पचास वर्ष पहले से मिट्टी का ताजिया बनाते थे। अब वह लकड़ी का बनाते हैं। इसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। उन्होंने बताया कि त्योहार सभी को मिलकर रहने की सीख देते हैं। सभी को एक दूसरे के साथ मिलकर इसे मनाना चाहिए। इसी प्रकार धौरापार निवासी रामकरन, दशरथ आदि ने बताया कि वह अपने घर पर ताजिया रखते हैं पहले बड़ी ताजिया बनाते थे जिसे तार आदि के कारण ले जाने मे समस्या होने से अब बाजार से खरीदकर लाते हैं।


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