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राप्ती का जल स्तर और बढ़ा, तटवर्ती गांवों में दहशत

By Edited By: Published: Sun, 24 Aug 2014 10:09 PM (IST)Updated: Sun, 24 Aug 2014 10:09 PM (IST)
राप्ती का जल स्तर और बढ़ा, तटवर्ती गांवों में दहशत

संत कबीर नगर : जनपद के उत्तरी भाग से होकर बहने वाली राप्ती नदी के जलस्तर में लगातार बढ़त जारी है। शनिवार को जहां नदी खतरे के निशान से मात्र 6 सेमी उपर बह रही थी तो रविवार को 26 सेमी उपर हो गई है। खैरा मंदिर, इंदरपुर और बेलौली के रिंग बांध के निकट कटान तेजी से जारी है। ड्रनेज खंड के अधिकारी बेबस होकर कटे पेड़ डालकर इसे रोकने का प्रयास कर रहे हैं। नदी के खतरे के निशान के उपर होने के बाद भी बढ़त जारी रहने से कछार निवासी दहशत में हैं।

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राप्ती नदी करमैनी बेलौली बांध पर कई स्थानों पर सीधे टकराकर ठोकर मार रही है। नौगो, जोरवा, तिवारीपुर, विशुनपुर के साथ ही बढया गांव के निकट इंदरपुर में दबाव अधिक होने से उक्त स्थान संवेदनशील हो गए हैं। खैरा माता मंदिर के पास जारी कटान सिर्फ मंदिर के लिए खतरे के कारण ही कछार निवासियों के लिए समस्या नहीं बना हुआ है, बल्कि इसके सामने बंधे पर बोल्डर की पिचिंग भी नहीं हुई है। यहां नदी बांध से बीस मीटर की दूरी तक पहुंच गई है। बेलौली के रिंग बंधे के बचाव के बारे में तो पिछले वर्ष से ही ड्रेनेज खंड धन नहीं होने का रोना रोता आ रहा है। कछार क्षेत्र निवासी आरके पांडेय, मानवेंद्र प्रताप सिंह, अजय त्रिपाठी, उपेंद्र तिवारी , मार्कडेय त्रिपाठी, राजेंद्र, हरिश्चंद्र यादव, अर्जुन यादव ने कहा कि नदी के जलस्तर में लगातार बढ़त होने को लेकर प्रशासन को पहले से ही कटान स्थलों के सामने बांध के सुरक्षा के लिए बोल्डर आदि जमा कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंदरपुर में मानक विहीन बना ठोकर एक बाढ़ भी नहीं झेल सका और नदी की धारा मे विलीन हो गया। इस बारे मे पूछे जाने पर एसडीओ दिनेश मोहन ने बताया कि बांध को टूटने का कोई खतरा नहीं है। विभाग सुरक्षा के लिए लगातार पेट्रोलिंग करवा रहा है, और कटान रोकने के लिए डलवाई जा रही है।

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दोआबा के लोगों का दर्द यथावत

फोटो 24एसकेटी-8 व 18

संत कबीर नगर : दोआबा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों से बाढ़ का पानी हटने के बाद भी तबाही यथावत है। एक पखवारे से बाढ़ की विभीषिका झेल रहे ग्रामीण अब अहेतुक सहायता पाने के लिए भटक रहे हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा अहेतुक सहायता का वितरण शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी दर्जनों गांवों में सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं मिल पाया है। इसको लेकर पीड़ितों में आक्रोश व्याप्त है।

घाघरा नदी में पिछले एक पखवारे से आई बाढ़ के चलते बंधे के भीतर के गांव करनपुर, कंचनपुर, खरगपुर, सरैया, खरैया, चकदहा, कटहा खैर गाढ़, केवटहिया, सीयरकला, मंदिर पुरवा, गुलरिहा, पटौवा, केवटाही आदि में बाढ़ का पानी घुस गया था। किसी तरह लोग नाव से बंधे पर शरण लिए हैं। पिछले एक सप्ताह से इन शरणार्थियों को खाने पीने के सामान का अभाव बना हुआ है। पिछले चौबीस घंटे से तहसील प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों की सहायता का काम किया जा रहा है, लेकिन अभी भी दर्जनों गांव में कोई सहायता नहीं पहुंच पाई है।

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सहायता में भेदभाव का आरोप

-तहसील क्षेत्र के ग्राम पटौवा, मंदिर पुरवा, केवटाही आदि मैरुण्ड गांव के लोगों ने प्रशासन द्वारा दी जा रही सहायता में भेदभाव का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से कंचनपुर व गायघाट के लोग पानी में डूबे है उसी तरह से पटौवा व केवटाही आदि गांव के लोग बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं, लेकिन वहां सहायता बांटी जा रही है। कैम्प लगाया गया है, लेकिन हमारे गांव के आसपास न तो सहायता दी जा रही है, न ही कैम्प की लगाया गया है।


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