खेती पर सूखे की मार, मुंह चिढ़ा रहे बादल
संत कबीर नगर : पर्याप्त बारिश न होने से खेती पर सूखे की मार है। जून के बाद अब जुलाई में भी अपेक्षित बरसात न होने से किसान मायूस हैं। अब उन्हें पूंजी निकालने की चिंता सता रही है। पैदावार प्रभावित होने की आशंका के बीच किसान जहां खून के आंसू रो रहे हैं, तो कृषि विभाग लाचार बना हुआ है।
जनपद में सवा लाख हेक्टेयर के करीब कृषि योग्य भूमि है। इसमें 01 लाख 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती की गई है। इसमें 99 हजार 826 हेक्टेयर भूमि धान की खेती के लिए लक्षित है। समय से बारिश न होने के कारण अभी 90 हजार 887 हेक्टेयर भूमि पर ही किसानों ने धान की बुआई किया है। शेष भूमि में अरहर, मक्का, गन्ना, उरद आदि की बुआई की गई है। जनपद में 97 हजार 404 हेक्टेयर सिंचित भूमि है। कृषि के जानकारों की मानें तो सिंचाई के अभाव में करीब चालीस फीसदी पैदावार प्रभावित होने के आसार हैं। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो धान की फसल के लिए 1148.40 मिली लीटर बरसात यानी रेन फाल निर्धारित है। इसमें मई के अंत सप्ताह, जून, जुलाई व अगस्त में हुई बारिश शामिल है। इसमें पर्याप्त बरसात जून व जुलाई माह में ही होती है। धान की फसल के लिए करीब साढ़े छह सौ से लेकर आठ सौ मिमी पानी आवश्यक है। वर्तमान समय में जून माह में महज 81.13 मिली लीटर तथा जुलाई में 203.66 मिमी बरसात हुई है। जबकि पिछले साल जून में 564 मिमी व जुलाई में 227.66 मिली लीटर बरसात हुई तो और मई व जुलाई में फसल के लिए पर्याप्त बरसात का पानी मिला था। इससे पूर्व वर्ष 2011 में जून व जुलाई में क्रमश: 191.66 व 238.68, वर्ष 2012 में 45.00 व 450 मि.ली बरसात हुई थी। वर्तमान सीजन में बरसात न होने से धान की फसल प्रभावित हो रही है। आसमान में बादल तो घिर रहे हैं, लेकिन पल भर में धूप निकल जा रही है। छिटपुट बरसात होने से खेत में नमी नही बन पा रही है। खेत में दरारें पड़ गई हैं। सूखा से फसल प्रभावित हो रहा है। कृषि विभाग व प्रशासन पैदावार प्रभावित होने की बात स्वीकार तो कर रहा, लेकिन अभी भी सूखे से इंकार है। किसान संगठनों ने जनपद को सूखग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया है। किसान दिवस में जिलाधिकारी के समक्ष किसानों ने सूखा का हवाला देकर मुआवजा की मांग की।
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बरसात न होने से पैदावार प्रभावित
-जनपद में 99825 हेक्टेयर में धान की फसल बुआई का लक्ष्य रखा गया था। इस बार लक्ष्य पूर्ति महज 90 प्रतिशत ही हो सकी है। जनपद में बरसात न होने से पैदावार प्रभावित हो रहा है। किंतु सूखे की स्थिति बिल्कुल नही है। स्थिति यही रही तो पैंतीस से चालीस फीसदी पैदावार प्रभावित हो सकता है।
-शैलेंद्र कुमार वर्मा,
-जिला कृषि अधिकारी
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