सिरसी व गुन्नौर में भी मनी ईद
सम्भल : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ईद धूमधाम से मनाई गई। इसके पहले मस्जिदों में नमाज पढ़कर
सम्भल : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ईद धूमधाम से मनाई गई। इसके पहले मस्जिदों में नमाज पढ़कर मुल्क की सलामती की दुआ मांगी गई। सिरसी में सवेरे से ही लोगों में जोश था नये-नये कपड़े पहने लोगों ने मस्जिदों की ओर सुबह से ही रु़ख करना शुरु कर दिया था। ईदुल ़िफतर की मुख्य नमा•ा जामा मस्जिद इस्लाहुल ़कौम में हुई नमा•ा ़कारी मोहम्मद ऱफी इमाम जामा मस्जिद ने पढ़ाई। उन्होंने अपने खुतबे में ़कुरान और सुन्नत पर अमल करने का आह्वान करते हुए कहा कि रम•ान मुबारक में हमने जो इबादतें करके सवाब हासिल किया। उसे ़कायम रखें। और गुनाहों से बचते रहें। नमा•ा के बाद मुल्क और ़कौम की तरक्की के लिए दुआ मांगी गई। इसके बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। इस दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष चौ मोहम्मद वसीम खां, हा़िफ•ा हबीब, •ाफर अंसारी, हाजी तसद्दु़क, फारूख खां, हा़िफ•ा हम•ा अली, हाजी मुशाहिद, इंते•ार एडवोकेट आदि थे।
इसके अलावा मोती मस्जिद, बुध बा•ार मस्जिद, मस्जिद ़कुरैशियान, नूरी मस्जिद, किदवई मस्जिद में भी ईदुल ़िफतर की नमा•ा अ़कीदत के साथ पढ़ी गई। दूसरी ओर मुकर्रबपुर रोड पर स्थित ताली ईदगाह पर शिया जामा मस्जिद के इमाम मौलाना एहतेशाम ऩकवी ने व मस्जिद इमाम र•ा में बु•ाुर्ग इस्लामी विद्वान मौलाना हसीनु•ा्•ामा ने ईदुल ़िफतर की नमा•ा पढ़ाई गई। ईदगाह सादात पर मौलाना मीसम अब्बास मु•ाफ्फर नगरी ने नमा•ा पढ़ाई। ़कस्बे की सबसे प्राचीन काबाये सानी मस्जिद में मौलाना ़का•ाी हुसैन र•ा ने ईदुल फितर की नमा•ा पढ़ाई। इसके अलावा मस्जिदे •ाहरा, मस्जिद बंगाली साहब, मस्जिद चौधरियान, मस्जिद हिलाल और मस्जिद जामिया इमाम मेहंदी में भी ईद की नमा•ा पढ़ाई। मिलक सिरसी, बराही, पोटा, मु़कर्रबपुर में भी ईद की नमा•ा पढ़ाई गई।
गुन्नौर नगर की बड़ी व छोटी ईदगाह के अलावा मस्जिदों में ईद की नमाज शान्तिपूर्ण माहौल में हुई। नमाज के बाद मुल्क व कौम के लिये अमन व शान्ति के लिये दुआ की। बड़ी ईदगाह में ईद की नमाज मौलाना शाकिर उल कादरी ने सवा नौ बजे पढ़ाई। छोटी ईदगाह में मौलाना कमाल सनाविली से सवा आठ बजे पढ़ाई। मदरसा अब्दुला इब्ने अब्बास वाली मस्जिद में मौलाना सलीम ने साढे आठ बजे, चौराहे वाली बिलाल मस्जिद में सय्यद यूसुफ ने पौने बजे, साढे नौ बजे नगर की जामा मस्जिद में मौलाना बरकाती ने पढ़ाई। ईद की नमाज के बाद सभी इमामों ने मुल्क में रहने वाले लोगों व मुल्क में अमन व शांति के लिये दुआ की। इसके बाद बड़ी ईदगाह के बाहर वर्षो पुरानी चली आ रही परम्परा के तहत पूर्व विधायक रामखिलाड़ी ¨सह यादव, पूर्व मन्त्री प्रदीप कुमार गुडडू ने लोगों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।
धनारी : बस स्टैंड पर स्थित ईदगाह पर मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने मिलकर ईद के उपलक्ष्य मे होने वाली नमाज पर मुल्क के अमन चैन के लिए दुआ मांगी। वही सभी ने एकत्रित होकर सामूहिक रूप से ईद की नमाज तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार निर्धारित समय पर पढ़ी। वही नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। कस्बे पर पटाखे छोड़ कर लोगों ने ईद की खुशी का इजहार किया। एक दूसरे के घर घर जाकर ईद की मुबारकबाद दी गई। मीठी ईद के रूप में मनाया जाने वाला ईद का यह पर्व बच्चों के लिए बेहद खुशी का पर्व होता है। क्योंकि इस दिन घर में मिठाई के साथ-साथ सिवई, सीरी व जर्दा व अन्य मीठे पकवान बनाये जाते हैं।
वहीं नमाज अदा करने वाला में कमल हसन, रजाबुल, शेर मोहम्मद, निजाम, शाहिद अल , रईस, सलीम, हनीफ, रफीक, जमील मौजूद रहे।
बबराला : ईद का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ईदगाह पर नमा•ा इमामे ईदगाह हाफि•ा महबूब आलम ने पढ़ाई । उसके बाद एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी । इस मौके पर हाफिज महबूब आलम ने कहा कि रमजान के रोजे रखने के बाद ईद का त्योहार आता है। जिसे सब मिलकर मनाते हैं। ईद सभी को गले लगाकर शांति व मिल झुलकर रहने का संदेश देती है। ईद एक पवित्र त्यौहार है। इस मौके पर अब्दुल हमीद उ़र्फ कल्लू प्रधान, उबेदुर्हमान, मोइज, बब्बू, जफरुद्दीन सेफी, जाकिर अली, सत्तार, यासीन भाई, हाजी बाबू, हाजी नईम उद्दीन आदि प्रमुख रूप से थे।
नहीं पहुंचे विधायक
गुन्नौर : ईद की नमाज के बाद लोगों में यह चर्चा भी रही कि गुन्नौर में वर्षाे पुरानी परम्परा यह रही है कि अन्य नेताओं के अलावा वर्तमान विधायक ईदगाह पर पहुंच कर लोगों से ईद मिलते चले आये हैं। परन्तु वर्तमान विधायक ने ईदगाह पर न पहुंच कर वर्षों पुरानी परम्परा आज तोड़ी। यह दिन भर लोगों में चर्चा का
विषय रहा।
नमाज के बाद पढ़ा खुतबा
गुन्नौर: ईद के मौके पर मौलाना कमाल सनाविली ने छोटी ईदगाह में नमाज के बाद अपने खुतबा मुस्लिम व दलितों को सरकार हर कीमत पर सुरक्षा प्रदान करे। इस अवसर पर मौलाना कमाल ने कहा कि मुसलमानों को अपने देश से प्रेम है। मौलाना ने कहा कि जब भी देश पर कोई आपत्ति आई है तो मुसलमानों ने अपनी जान देकर देश की सुरक्षा की है। वीर अब्दुल हमीद इसका ¨जदा प्रमाण है। इसक बाद मुसलमानों व दलितों पर जो अत्याचार हो रहे हैं वे बड़े दुख की बात है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि पूरे देश में रहने वाले हर व्यक्ति चाहे किसी धर्म का हो किसी भी जाति का हो उसे सुरक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके बाद मौलाना कमाल ने देश में प्रेम भाईचारा कायम रखने व पूरे मुल्क में अमन चैन कायम रहने के लिये विशेष दुआ की।