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खुले आसमां से राहत को मांगी छत

राघवेंद्र शुक्ल, सम्भल : खुले आसमां से राहत पाने के लिए 22 हजार लोगों ने आवेदन कर दिया है। इसमें से

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 01:05 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 01:05 AM (IST)
खुले आसमां से राहत को मांगी छत

राघवेंद्र शुक्ल, सम्भल : खुले आसमां से राहत पाने के लिए 22 हजार लोगों ने आवेदन कर दिया है। इसमें से तमाम निम्न मध्यम वर्गीय हैं या झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं। सरकार के तय मानकों में वे सभी लोग आ गए हैं जिनके सिर पर छत नहीं हैं। इस योजना के लिए व्यक्तिगत श्रेणी ही सम्भल के लिए आवंटित है। ऐसे में 22 हजार का सत्यापन विभाग के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। हाल फिलहाल केंद्र की मोदी सरकार के बाद नई गठित यूपी की योगी सरकार की प्राथमिकता में यह योजना शुमार है। ऐसे में प्रदेश के सभी डूडा कार्यालयों को 7 मई तक सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया गया है। चाहे इसके लिए निकाय में कैम्प लगाना पड़े तो भी इसे लगाया जाए। सर्वे के बाद पात्र सभी को आवास मिलेंगे। इसके लिए सरकार ने 2022 तक की समय सीमा का निर्धारण कर दिया है।

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सरकार गठन के बाद केंद्र सरकार ने दीन दयाल राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर गरीबों को आवास आवंटित कराएगी। डेढ़ लाख रुपये केंद्र सरकार तथा एक लाख रुपये राज्य सरकार को देना होगा। इसके लिए गरीबों की कई कैटेगरी बनाई गई है। जिनके पास अपनी जमीन है लेकिन आवास नहीं है या झोपड़ी है तो इसके वे पात्र होंगे। हालांकि उनकी सालाना आय तीन लाख रुपये कम होनी चाहिए। इसी प्रकार जिनके पास जमीन नहीं है उन्हें ग्राम पंचायत की खाली जमीन आवंटित की जा सकती है जिसमें उनका आवास बन सकता है। इस योजना की पारदर्शिता यह है कि आवास बनाने का काम कार्यदायी संस्था करेगी और आवास बनने के बाद पात्र को वह हस्तांतरित हो जाएगा। ऐसे में पैसे के गोलमाल की या बंदरबांट की भी गुंजाइश नहीं रहेगी।

हेमराज ने कहा कि सरकार की योजना काबिलेतारीफ है। हमें भी अब अपने आवास की आस बंधी है। सुमन ने कहा कि सर्वे का काम जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए ताकि गरीबों को उनका आशियाना मिल सके। प्रदीप ने कहा कि सरकार की योजना का क्रियान्वयन यदि पहले ही सही ढंग से हो गया होता तो अब तक तमाम लोगों को आवास मिल गया होता। सुशीला ने कहा कि इस योजना का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए ताकि सबको इसकी जानकारी मिले और वह लाभान्वित हो सकें।

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सर्वे की धीमी रफ्तार से गरीबों

का सपना पूरा होने में देर

सम्भल : तकरीबन एक साल पहले सरकार ने यह योजना तो शुरू कर दी लेकिन यूपी में यह योजना धराशाई ही रही। कारण प्रदेश सरकार ने इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखाई। चूंकि सबसे पहले आवेदन का दौर चल रहा था। ऑन लाइन व ऑफ लाइन आवेदन किए जाने थे। जिले में 22 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन तो कर दिए लेकिन इनके सर्वे का काम धीमा रहा। सर्वे के बाद यह तस्वीर स्पष्ट होगी कि कितने पात्र हैं और कितने अपात्र। सर्वे का काम भी नोएडा की एक कंपनी को दिया गया है। चूंकि सरकार गंभीर नहीं थी ऐसे में मामला ठप ही पड़ा रहा। अब नई सरकार के रूप में योगी आदित्यनाथ ने सीएम का पदभार संभाला है तो योजना में भी तेजी आ गई। दो दिन पहले शासन ने सभी जनपदों को निर्देश जारी कर दिया है कि वह सात मई तक हर हाल में सर्वे का काम पूरा कर लें। इसके लिए निकायों में कैम्प लगाकर काम किए जाए।

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कैसे कैसे मिलेंगे आवास

यदि बाइस हजार आवेदन पूरी तरह सत्य मिले और सभी पात्र हो गए तो सरकार इन्हें टुकड़ों में बांटेगी। यानी 4500-4500 नाम को पांच भाग में छांटा जाएगा। चूंकि लक्ष्य 2022 तक का है। ऐसे में हर साल कार्यदायी संस्था 4500 लोगों को आवास मुहैया करा देगी। आवास बनाने का काम जल निगम को करना है। जब पात्रों की सूची फाइनल हो जाएगी तो केंद्र व राज्य सरकार अपने अपने हिस्से के धन भी आवंटित कर देंगे।

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सर्वे के लिए शासन से निर्देश जारी हो गया है। हमें सात मई तक हर हाल में सर्वे पूरा करना है। नोएडा की कंपनी जो सत्यापन कर रही है उन्हें भी अवगत करा दिया गया है। जिले के हर नगर पालिका और हर नगर पंचायत में जल्द ही कैम्प लगाया जाएगा। इससे सर्वे के काम में तेजी आएगी।

नरेंद्र ¨सह, परियोजना निदेशक

डूडा, सम्भल


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