भव्य कलश यात्रा के साथ भागवत कथा प्रारम्भ
चन्दौसी। सीता रोड स्थित गीता सत्संग भवन के विशाल सभागार में 27 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक सात दिवसीय श्र
चन्दौसी। सीता रोड स्थित गीता सत्संग भवन के विशाल सभागार में 27 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का विशाल एवं भव्य आयोजन किया गया। जिसमें श्रीधाम वृंदावन से पधारे भागवत मर्मज्ञ आचार्य रामबल्लभाधीश के श्रीमुख से भागवत कथा की अमृत वर्षा हो रही है। इसी आयोजन के उपलक्ष्य में विशाल कलश यात्रा प्रात: नौ बजे से घंटाघर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर प्रांगण से प्रारम्भ होकर लाठी बाजार, फड़याई बाजार, ब्रह्म बाजार, सीता रोड होते हुए कथा स्थल पर पहुंच कर सम्पन्न हुई। कलश यात्रा में पीत वस्त्र धारी महिलाओं ने अपने-अपने सिरों पर सुसज्जित कलश धारण किये हुए थे। कलश यात्रा का अनेकों स्थानों पर पुष्प वर्षा एवं जलपान से स्वागत किया गया। कलश यात्रा सम्पन्न होने के बाद दोपहर दो बजे से सायं छह बजे तक श्रीमद भागवत की अमृत वर्षा हुई। कथा के प्रथम दिन विद्वान कथा व्यास ने भागवत कथा के महत्व को अनेकों उदाहरण देकर समझाया। उन्होंने कहा कि भागवत महापुराण साक्षात भगवान का ही स्वरूप है। भगवान इसमें निवास करते हैं। भागवत कथा मानव को जीने की कला सिखाती है। उन्होंने भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की विस्तार से व्याख्या की। भागवत के 18 हजार श्लोकों के प्रत्येक श्लोक में भगवान का निवास है। भागवत श्रवण करने से मानव के दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों का नाश होता है। उन्होंने नाम महिला का भी विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने अपने मधुर कंठ से संगीत की मोहक स्वर लहरियों पर जिसको जीवन में मिला सत्संग है, उसे हर घड़ी आनन्द ही आनन्द है आदि अनेकों भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। अन्त में आरती के पश्चात सभी को प्रसाद वितरण कराया। कथआ की व्यवस्था में ¨पकल, रीता वाष्र्णेय, दीपू वाष्र्णेय, लक्की वाष्र्णेय, राममूर्ति वाष्र्णेय आदि उपस्थित रहे।