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बैकों की हड़ताल से बिगड़ी हरताल

सहारनपुर: यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर मंगलवार को बैंकों में हड़ताल रही।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2017 06:14 PM (IST)
बैकों की हड़ताल से बिगड़ी हरताल
बैकों की हड़ताल से बिगड़ी हरताल

सहारनपुर: यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर मंगलवार को बैंकों में हड़ताल रही। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर पूरी तरह ताले लटके रहे। करीब तीन सौ बैंक शाखाओं के अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में स्टेट बैंक आफ इंडिया की मुख्य शाखा पर एकत्र हुए और जोरदार प्रदर्शन किया।

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यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस की मांगों के चलते मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों पर पूरे जिले में ताले लटके रहे। बैंक अधिकारी व कर्मचारी कोर्ट रोड स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया की मुख्य शाखा पर एकत्रित हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। फोरम के जिला संयोजक सुनील गुप्ता ने कहा कि सरकार के सुधार के तथाकथित उपायों के विरुद्ध बैंकों से जुड़ी यूनियनें पिछले दो दशकों से लड़ रही हैं। कहा कि ये सुधार देश की आम जनता के साथ-साथ श्रम शक्ति के हितों के विरुद्ध हैं। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए यूपीबीईयू के जिलाध्यक्ष राजीव जैन ने कहा कि सरकारें 1991 से सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को निजी हाथों में तथा विदेशी निवेशकों को सौंपने के लिए काम कर रही हैं। यूएफबीयू इसका जोरदार प्रतिरोध करती है। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एसबीआइएसए के सहायक महासचिव अर¨वद गुप्ता ने कहा कि सरकार द्वारा जिस प्रकार श्रम कानूनों में संशोधन कर उन्हें विदेशी निवेशकों के अनुरूप बनाने के प्रयास कर रही हैं, उसके दूरगामी परिणाम घातक होंगे। प्रदर्शनकारियों को सुरेंद्र कुमार, उपेंद्र शर्मा, प्रदीप गुप्ता, संजय शर्मा, अशोक कुमार, राहुल कपिल, कुलदीप ¨सह व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि ग्रेच्युटी एक्ट में वांछित संशोधन कर उपदान की सीमा बढ़ाकर 20 लाख की जाए और इसे एक जनवरी 2016 से प्रभावी किया जाए, ताकि एक जनवरी 2016 को और उसके बाद रिटायर हुए बैंकर्स को उसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उनका 11वां द्विपक्षीय समझौता 1 नंवबर 2017 से लागू होना है। इसके लिए शीघ्र वार्ता प्रारंभ की जाए। यूनियन नेताओं ने कहा कि विमुद्रीकरण के दौरान 50 दिनों के कार्य का उचित मुआवजा दिया जाए। सभी वक्ताओं ने हड़ताल से होने वाली जनता की परेशानियों के लिए खेद व्यक्त करते हुए आमजन से हड़ताल के नैतिक समर्थन की मांग की। इस मौके पर विशेष रूप से वीर कुमार जैन, शांति कुमार अरोड़ा, संजीव शर्मा, अतुल चोपड़ा, अजय गुप्ता, नावेद अली खां, शिवा, डीके दीक्षित, प्रदीप शर्मा, प्रीति चड्ढा, कविता सैनी, सतीश छाबड़ा, महेंद्र ¨सह, मो. शाहीन, परस राम, अतुल ¨सहल, रीना जैन मौजूद रहे।

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क्लीय¨रग हाउस ठप

-बैंकों की हड़ताल के चलते स्टेट बैंक में क्लीय¨रग हाउस भी ठप रहा।

-एक बैंक शाखा में प्रतिदिन 60 लाख से एक करोड़ रुपए तक का ट्रांजेक्शन होता है।

-इन दिनों रोजाना करीब 150 करोड़ रुपए का कैश ट्रांजक्शन होता है।

-एक दिन में 90 से 100 करोड़ रुपए के चेक क्लीय¨रग हाउस में आते हैं।

-बैंकों की हड़ताल के चलते कुछ एटीएम भी खाली रहे तो कुछ में पैसा रहा। इसके चलते खाताधारकों को परेशानी हुई।


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