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मुंगेरी लाल के हसीन सपने नहीं चलेंगे?

सहारनपुर: सहारनपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए सोमवार को नगर निगम की कार्यशाला में विभि

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 11:03 PM (IST)
मुंगेरी लाल के हसीन सपने नहीं चलेंगे?

सहारनपुर: सहारनपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए सोमवार को नगर निगम की कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अफसर जमा हुए। परामर्शदात्री एजेंसी के अधिकारी पहुंचे। लेकिन, कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने प्रोजेक्ट देखने के बाद कई सवाल उठाए। अफसरों से कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तैयार करने की आड़ में मुंगेरी लाल के हसीन सपने नहीं चलेंगे? प्रोजेक्ट में सहारनपुर को लंदन जैसा बनाने की बात की जा रही पर क्या यह संभव है।

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अंबाला रोड स्थित रायल होटल के सभागार में हुई कार्यशाला में कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर परामर्शदात्री कंपनी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जमकर क्लास ली। कहा कि तीसरी बार प्रोजेक्ट बना है। परामर्श दात्री कंपनी बताए कि दूसरे प्रोजेक्ट का जब केंद्रीय स्तर पर मूल्यांकन हुआ तो सहारनपुर 92 वें स्थान पर क्यों आया ? कौन सी ऐसी कमियां रहीं, जिनकी वजह से स्मार्ट सिटी के टॉप थ्री शहरों में शामिल सहारनपुर 92 वें स्थान पर पहुंच गया। इन कमियों को सुधारते हुए नए प्रोजेक्ट में क्या प्रावधान किए गए हैं। पांवधोई नदी का गोमती नदी जैसा प्रोजेक्ट दिखाया गया है, अब एजेंसी बताए कि इस नदी में कितना सीवरेज डलता है और कहां-कहां से गंदा पानी आता है। निस्तारण की व्यवस्था कहां होगी, कहां-कहां पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे और पानी कहां छोड़ा जाएगा। पांवधोई नदी के दोनों ओर जो अवैध कब्जे हैं, उनको हटाने की क्या योजना है? एजेंसी अफसर ने जब इन सवालों का जवाब नहीं दिया तो कमिश्नर ने कहा कि जो प्रोजेक्ट उन्हें दिखाया गया, वह उप्र के हर शहर में लागू हो सकता है। क्योंकि कोई ऐसा शहर नहीं जहां नाला या नदी न हो। कहा कि यह हवा-हवाई प्रोजेक्ट नहीं चलेगा।

कमिश्नर यही नहीं रुके, उन्होंने पूछा कि कूड़ा निस्तारण के लिए कहां और कितनी जमीन चिन्हित की गई ? कहां पर कूड़ा निस्तारण प्रोजेक्ट लगेगा?

घर-घर से कूड़ा उठाने

की क्या योजना है?

वर्तमान में कितने घरों से कितना कूड़ा निकल रहा है और उसके निस्तारण की व्यवस्था क्या है?

क्या शहर में कोई पर्यावरण अनुकूल कूड़ा संग्रहण केंद्र है? शहर को जाम की समस्या से मुक्त कराने के लिए क्या योजना हैे? कितने वाहन किस मार्ग से हर घंटे निकलते हैे? शहर की जरूरत के हिसाब से नगर वासियों को कितनी पेयजल आपूर्ति हो रही है और कितनी आवश्यकता हैे?

इन सवालों का जवाब न मिलने पर कमिश्नर ने कहा कि प्रोजेक्ट में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने की बात हो रही है पर उन्हें यह बताए जाए कि वर्तमान में कहां-कहां कितने सोलर ऊर्जा वाले प्रोजेक्ट लगे हैं और कहां-कहां पर यह प्रोजेक्ट लगाने की योजना है? जवाब में परामर्शदात्री कंपनी ने नगर निगम में 20 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगा होने की बात की तो कमिश्नर आगबबूला हो गए। कहा कि बात शहर की हो रही है किसी सरकारी कार्यालय की नहीं। उन्होंने कहा कि तीन साल से शहर में सहारनपुर विकास प्राधिकरण साइकिल ट्रैक बनवा रहा है पर अभी तक नहीं बना। यही हाल मुजफ्फरनगर का भी है।

बात जल जनित बीमारियों से मरने वालों की हुई तो डिप्टी सीएमओ ने आरोप लगाया कि परामर्शदात्री कंपनी ने उनसे डेटा नहीं मांगा। कार्यशाला की सूचना भी उन्हें देरी से मिली। इस पर कमिश्नर ने कहा कि हवा-हवाई प्रोजेक्ट नहीं चलेगा। यदि इस बार सहारनपुर स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित नहीं होता तो परामर्शदात्री कंपनी को भुगतान नहीं मिलेगा।


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