ओम नम: शिवाय
देवबंद: देवबंद-मंगलौर मार्ग पर मानकी स्थित मण्केश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
देवबंद: देवबंद-मंगलौर मार्ग पर मानकी स्थित मण्केश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। नगर से करीब चार किमी दूर स्थित मंदिर में श्रावण मास में दूर-दूर से शिवभक्त भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। यहां मांगी गई मन्नतें पूर्ण होती हैं, ऐसा श्रद्धालुओ का अटूट विश्वास है।
मंदिर का इतिहास
मण्केश्वर महादेव सिद्धपीठ मंदिर करीब 500 साल पुराना है। बताते है कि हल चलाते समय भगवान शिव शिव¨लग के रूप में प्रकट हुए थे और इसके बाद यहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। मंदिर परिसर में भगवान गणेश समेत शिव परिवार स्थापित है। मंदिर के बाहर रामभक्त हनुमान की विशाल प्रतिमा श्रद्धा का केंद्र है। इसके अलावा मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित है। यह मंदिर लगभग एक एकड़ भूमि में बना है।
मंदिर की विशेषता
श्रावण मास शुरु होते ही मंदिर को सजाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व पर कई दिन तक यहां मेला लगता है। मंदिर कमेटी की ओर से शिवभक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया जाता है। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने यहां आते है। क्षेत्रवासियों द्वारा शिभवक्तों की सेवा के लिए कांवड़ सेवा शिविर लगाए जाते हैं।
मण्केश्वर महादेव मंदिर मन की इच्छा पूरी करने वाला है यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है। दूरदराज से यहां आकर श्रद्धालु जल चढ़ाते हैं और मन्नत मांगते हैं। भगवान शिव सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
चौ.बिजेन्द्र ¨सह, अध्यक्ष मंदिर कमेटी।
मंदिर में आने वाले हर भक्त की इच्छा पूरी होती है। शिव भक्त यहां आकर जलाभिषेक करते हैं। सावन मास में मंदिर में शिव भक्तों की सेवा में समय गुजारने से सुकून मिलता है।
चौ.रविन्द्र बिट्टू, श्रद्धालु।