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राह में रोड़ा बने राहुल, जाम ने बिगाड़ा इंतजाम

सहारनपुर: जातीय ¨हसा से उठी इंतकाम की लपटें भले कम हुई हों पर सहारनपुर में सियासी सरगर्मियां तेज हो

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 12:08 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 12:08 AM (IST)
राह में रोड़ा बने राहुल, जाम ने बिगाड़ा इंतजाम
राह में रोड़ा बने राहुल, जाम ने बिगाड़ा इंतजाम

सहारनपुर: जातीय ¨हसा से उठी इंतकाम की लपटें भले कम हुई हों पर सहारनपुर में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आने को लेकर प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी की और उन्हें जनपद की सीमा में नहीं घुसने दिया लेकिन, इसके उलट कांग्रेसियों का दावा है कि राहुल गांधी जनपद सीमा में प्रवेश किए।

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देर तक लगा रहा जाम

राहुल गांधी को शनिवार दोपहर 12 से 12:30 तक यमुनानगर के रास्ते सहारनपुर आना था। इसके पहले कांग्रेस नेता पीएल पुनिया, इमरान मसूद और मुकेश चौधरी आदि उप्र-हरियाणा सीमा पर बने यमुना पल पर कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थे। कांग्रेस उपाध्यक्ष को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। खुद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, आइजी जोन, सहारनपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी सब मौके पर मौजूद थे। राहुल के आने से पहले सभी वाहनों की जांच की जा रही थी। इस वजह से यमुना पुल पर बड़ा जाम लग गया। अचानक पुलिस के पंचकुला-सहारनपुर-देहरादून हाईवे पर वाहनों का आवागमन रोकने से हालात उलट हो गए। करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा। लिंक मार्ग पर भी आवाजाही थम गई।

सीमा में किया प्रवेश

कांग्रेस नेताओं से संवाद के बाद पुलिस प्रशासन ने यमुना पुल के पास ही पिकेट लगा दी। यहां एक ढाबे पर राहुल गांधी के जाने को लेकर दबाव बनाया। बाद में अफसरों ने राहुल गांधी के इस ढाबे पर आने के लिए हां कर दी। यह ढाबा यूपी सीमा में है। इसी पर राहुल गांधी आए और पीड़ितों व पत्रकारों से बातचीत की। ऐसे में कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी सहारनपुर में प्रवेश कर गए, जबकि अफसरों का कहना है कि कांग्रेस नेता जो भी दावा करे पर राहुल जनपद सीमा में नहीं घुस सके।

अफसरों के साथ तीखी नोकझोंक

राहुल गांधी दोपहर 2.50 बजे यमुना पुल पर पहुंचे। वहां उप्र पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जहां पुलिस से उनकी हल्की नोक-झोंक हुई। बाद में डीएम व एसएसपी सामने आ गए। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि सहारनपुर जाने की इजाजत नहीं है। इस पर राहुल गांधी ने तर्क-वितर्क किया। अफसरों ने जनपद की शांति का वास्ता देकर राहुल गांधी को राजी कर लिया और ढाबे तक ही जाने की इजाजत दी। ढाबे के पास पूरा प्रशासनिक अमला ढाल बना कर तैयार खड़ा था। खुद सारे आला अधिकारी हेलमेट पहन कर तैयार थे। राहुल गांधी ढाबे पर पहुंचे। वहां अफरा-तफरी के माहौल के बीच पीड़ितों को सुना। इस दौरान राहुल की सुरक्षा में लगे एसपीजी के जवानों से भी मीडिया कर्मियों की नोक-झोंक हुई।

क्या दलितों से ही मिलेंगे?

ढाबे पर कुछ देर रुकने के बाद राहुल गांधी निकल कर गाड़ी में बैठ गए। बाकी नेता भी उनके साथ हो लिए। 5 मिनट बाद फिर गाड़ी से निकले और वहीं ढाबे के टॉयलेट में गए। बाद में वापस उस तरफ चले गए, जहां वह पहले बैठे थे। यहां उन्होंने अब मीडियाकर्मियों से बात की। इसके बाद राहुल गांधी जाने लगे, तो राजपूत समुदाय के देवेंद्र चौहान ने तेज आवाज में कहा कि क्या सिर्फ दलितों से ही मिलेंगे। बाद में इमरान मसूद ने देवेंद्र चौहान को नीचे बैठाकर मामला शांत कराया। तभी पीएल पुनिया से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सभी पीड़ितों से मिलना चाहते थे। पुनिया ने कहा कि जो आदमी शोर मचा रहा है, वह भाजपा का है। उनका इशारा देवेंद्र चौहान पर था।


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