तेरी आंखों के पैमाने मुझे पागल बनाते हैं.
रामपुर मनिहारान (सहारनपुर) : मकर संक्रांति व लोहड़ी पर्व पर एकता का पैगाम देने के लिए अदबी नशिस्त का
रामपुर मनिहारान (सहारनपुर) : मकर संक्रांति व लोहड़ी पर्व पर एकता का पैगाम देने के लिए अदबी नशिस्त का आयोजन किया गया। उद्घाटन डा. जहूर अहमद व शमा रोशन तारिक रामपुरी ने की। आगाज मास्टर फुरकान ने नात ए पाक से किया।
मोहल्ला महल में आयोजित कार्यक्रम में नौजवान शायर तारिक रामपुरी ने खूबसूरत तरन्नुम में कलाम पढ़ा-हर चांद रुस्वा हो गया ठुकराया जा चुका, कम्बख्त दिल है फिर मगर मानता नहीं। नगर के नुमाइंदा शायर ताहिर मलिक रामपुरी ने अपने जज्बात का इजहार कुछ यूं किया-भुला दिया था मुझे उसने एक पल में मगर, अभी तलक भी मुझे ये हुनर नहीं आया। डा. जहूर अहमद •ाहूर ने यूं कहा-फायदे में रहती दुनिया जहूर,अपने मालिक का जो कहना मानती। अनवर अली ने पढ़ा-समंदर से गिला क्या है किनारे बेवफा निकले, पराये फिर पराये थे हमारे बेवफा निकले। तरन्नुम के मशहूर शायर आरिफ तन्हा ने कलाम पेश करते हुए पढ़ा-तेरी आंखों के पैमाने मुझे पागल बनाते हैं,मैं पीना भूल जाता हूं पिलाना भूल जाता हूं। नसीम आ•ाद ने कुछ यूं कहा-महंगाई बढ़ रही हालात बड़े नाजुक हैं,डा. जमील अहमद समीर फराज शौकत राही अफजाल आदि ने भी कलाम पेश कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान डा. राशिद वफा मलिक परवाना सतीश पप्पू इमरान प्रधान मोनिस मौलाना आसिफ नदवी डा. तारिक आदि काफी लोग मौजूद रहे।सदारत मौलाना क्लीमुद्दीन म•ाहिरी ने की।