कोरी जाति प्रमाण पत्र : कमिश्नर के यहां अपील का मौका
सहारनपुर : कोरी जाति प्रमाण पत्रों के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका निस्तारित करते
सहारनपुर : कोरी जाति प्रमाण पत्रों के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका निस्तारित करते हुए आदेश पारित किया है कि पेटीशनर के पास अभी दो स्तर के मौके हैं। डीएम के आदेश को मंडल स्तर पर और कमिश्नर के आदेश को राज्य स्तर पर चुनौती देने के रेमेडी उपलब्ध हैं।
संविधान समिति के संरक्षक राजकुमार ने बताया कि कोरी जाति प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट इलाहाबाद ने 22 जुलाई को सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया है कि जाति प्रमाण पत्र के संबंध में 28 फरवरी 2011 के शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख है कि डीएम की अध्यक्षता में गठित अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र स्कूटनी कमेटी के निर्णय से क्षुब्ध व्यक्ति मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी के समक्ष अपील कर सकता है। आयुक्त के निर्णय के बाद भी यदि कोई पक्ष मंडल स्तर के निर्णय से सहमत नहीं है तो वह राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकता है। जनपद में कोरी जाति का प्रमाण पत्र जिला स्तर पर निरस्त किये जाने के मामले में जिला पंचायत सदस्य अनिल कुमार कोरी ने कमिश्नर व राज्य स्तरीय स्कूटनी कमेटी को बाईपास कर हाईकोर्ट में अपील की थी। इस पर संविधान बचाओ समिति के संरक्षक सदस्य राजकुमार ने अनिल कुमार की जाति पर आपत्ति दाखिल की थी। 15 जनवरी 2016 को जाति प्रमाण पत्र स्कूटनी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया था। स्कूटनी कमेटी की 4 जून 2016 को हुई बैठक के बाद 24 जून को डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अनिल का जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया था। कमिश्नर की अध्यक्षता वाली स्कूटनी कमेटी के फैसले के बाद ही अनिल कुमार के प्रमाण पत्र का भविष्य टिका है।