कानून के आदर से बढ़ेगी नियमों के पालन की प्रवृत्ति
सहारनपुर : दैनिक जागरण के आठ दिवसीय स्मार्ट सिटी यातायात अभियान का मंगलवार का आगाज हो गया। प्रथम कार
सहारनपुर : दैनिक जागरण के आठ दिवसीय स्मार्ट सिटी यातायात अभियान का मंगलवार का आगाज हो गया। प्रथम कार्यशाला में कानून के आदर से नियमों के पालन की प्रवृत्ति बढ़ाने पर बढ़ाने पर जोर दिया गया। वहीं साइबर क्राइम क्या है? और इससे कैसे बचा जाए? के बारे में छात्र-छात्राओं की शंकाओं का मौके पर समाधान किया गया।
अभियान के अंतर्गत दिल्ली रोड स्थित पाइनवुड स्कूल में मंगलवार को आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन एसएसपी नितिन तिवारी, आरटीओ डा. विजय बहादुर, स्कूल के निदेशक संतोष गुप्ता, प्रधानाचार्य डा. संजीव जैन, प्रोग्रेसिव स्कूल सोसायटी के सचिव सुधीर जोशी, संयोजक सुरेन्द्र चौहान व दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ संजीव जैन ने किया।
एसएसपी ने नितिन तिवारी ने दिए टिप्स
सुरक्षित यातायात के लिए आप कानून का आदर करें इससे नियमों के पालन की प्रवृत्ति बढ़ेगी। बाइक पर कभी भी तीन सवारी के साथ यात्रा न करें। यह दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बनता है। आप पहले स्वयं सजग हो और फिर दूसरों को यातायात नियमों के प्रति सजग करें। जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों व दायित्व का निर्वहन करें। छात्रा सिमरन चावला, अवि अरोड़ा व यशस्वी मित्तल के सवालों का एसएसपी ने बड़े सहज भाव से जवाब दिया।
आरटीओ डा. विजय बहादुर के टिप्स
सुरक्षित यातायात को तीन बातें सुरक्षा, समय पालन व धैर्य सदैव याद रखें। आपका टाइम मैनेजमेंट बेहतर होना चाहिए। ज्यादातर दुर्घटनाएं हड़बड़ाहट के कारण ही होती हैं। शिक्षा के माध्यम से रोड सेफ्टी के नियमों का अक्षरश: पालन करें। आए दिन नए वाहन सड़क पर आ रहे हैं, जबकि सड़कों का विस्तार उतनी तेजी से नही हो पा रहा है। ऐसे में यातायात नियमों के पालन से ही दुर्घटनाएं रोकी जा सकेंगी।
टीएसआइ तेज प्रताप ¨सह के टिप्स
यातायात के सुचारु संचालन की जितनी जिम्मेदारी पुलिस की है उतनी ही सड़क पर चलने वाले आमजन की भी है। वह उन नियमों का पालन करें जो यातायात के संचालन हेतु बनाए गए हैं। सड़क पर सदैव जागरूक रहें। इससे न केवल स्वयं दुर्घटना से बच सकेंगे, बल्कि अन्य राहगीरों व वाहन चालकों को भी नुकसान नहीं होगा।
ये हैं यातायात के नियम
- नशे की हालत में वाहन न चलाएं
- वाहन निर्धारित गति व लेन में चलाएं
- यातायात संकेतों का पालन करें
- मोड़ पर हॉर्न जरूर बजाएं, डीपर का प्रयोग करें
- निजी वाहनों के नंबर सफेद प्लेट पर काले रंग से तथा व्यावसायिक वाहनों पर पीली प्लेट पर काले रंग से लिखें।
- नंबर प्लेट साफ व सही लिखवाएं, उसमें कलात्मक लेखन व चमकीली धातु न हो।
- 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लिए गियर वाली गाड़ी प्रतिबंधित है।
- चकाचौंध करने वाली तथा अनधिकृत लाइटों का प्रयोग वर्जित है।
- वाहनों की हेड लाइट का ऊपरी आधा हिस्सा काला पुता होना चाहिए तथा चमकीला रिफ्लेक्टर लगा होना चाहिए।
- वैध परमिट, डीएल, इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन प्रदूषण प्रमाण-पत्र साथ रखें।
- यात्री गाड़ी में निर्धारित संख्या से अधिक यात्री बैठाना नियम विरुद्ध है।
- शासन से अधिकृत नहीं वाहनों पर लाल व नीली बत्ती अवैध है।
- ज्वलनशील पदार्थो को गाड़ी में न ले जाएं।
- नंबर प्लेट के स्थान पर अन्य कोई पदनाम आदि की प्लेट न लगाएं।
- दाएं, बाएं मुड़ने से पूर्व संकेत दें
- चालक आंखों की समय-समय पर जांच कराएं तथा नशा करके गाड़ी न चलाएं।
- सवारी गाड़ी पर फर्स्ट एड बाक्स रखना अनिवार्य है।
- वाहनों को निर्धारित स्थान पर ही पार्क करें, खराब होने पर बीच सड़क में न छोड़ें।
- तेज ध्वनि हॉर्न का प्रयोग प्रतिबंधित है।
- हेलमेट पहनकर ही दोपहिया वाहन चलाएं।
- वाहन चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बात न करें।
- गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट प्रयोग करें।
- रेल क्रांसिंग बंद होने पर खड़े रहें।
नियमों के पालन से फायदे
- धन व जनहानि से बचाव के साथ समय पर घर पहुंच सकते है।
- खुद भी सुरक्षित रहेंगे तथा दूसरों को भी सुरक्षित रखेंगे।
- तेल की खपत घटेगी, पैसा बचेगा।
- पुलिस व कोर्ट के चक्कर काटने से बचाव होगा।
- सड़कों को टूटने से बचाया जा सकता है।
- शहर में लगने वाले जाम से निजात मिलेगी
नियम तोड़ने पर नुकसान
शराब के सेवन पर : धारा 185 एमवी एक्ट के तहत चालान व वाहन सीज किया जा सकता है।
सजा : सीजेएम कोर्ट से दो से 5 हजार जुर्माना या दो साल सजा।
रजिस्ट्रेशन व कागजात : धारा 207 एमवी एक्ट के तहत वाहन को सीज व सजा दो हजार जुर्माना।
डीएल नहीं होना : धारा 129-177 एमवी एक्ट में चालान किया जा सकता है, सजा एक हजार रुपये जुर्माना।
हेलमेट न होने पर : धारा 129-177 एमवी एक्ट में चालान व सजा 100 रु. जुर्माना।
दोपहिया वाहन पर तीन सवारी : धारा 128-177 एमवी एक्ट में चालान 100 रु. जुर्माना।
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स्कूल वाहनों के लिए दिशानिर्देश
- स्कूली वाहन के आगे-पीछे बड़े अक्षरों में स्कूल कैब या स्कूल बस लिखा होना चाहिए।
- बस में ड्राइवर के अलावा एक शिक्षक या कोई जिम्मेदार व्यक्ति होना चाहिए।
- किराए की बसों में आगे-पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा हो।
- बस ड्राइवर को बड़े वाहन चलाने का कम से कम पांच साल का अनुभव हो।
- ड्राइवर को पहले ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का दोषी नहीं ठहराया गया हो।
- बसों की खिड़कियों में बाहर की तरफ से लोहे की कम से कम चार पट्टियां लगी हों।
- स्कूली वाहन पीले रंग में रंगे होने चाहिए।
- वाहनों में आग बुझाने का इंतजाम हों।
- प्राथमिक उपचार की सारी चीजें हों।
- सभी वाहनों में स्पीड गवर्नर हो।
- स्कूल बसों में निर्धारित सीटों से अधिक बच्चे न बैठें।
- गैस किट वाली वैन स्कूल वाहनों में शामिल न हो