श्रावण मास में पूजा-अर्चना व कांवड़ का महत्व
सहारनपुर : श्रावण मास का शुभारम्भ गुरु पूर्णिमा को गुरु देव की पूजा से आरम्भ हो जाता है। भगवान शंकर
सहारनपुर : श्रावण मास का शुभारम्भ गुरु पूर्णिमा को गुरु देव की पूजा से आरम्भ हो जाता है। भगवान शंकर के भक्त अपनी मनोकामना की प्राप्ति के लिए पूरे महीने भगवान का व्रत रखते है एवं पूजा-अर्चना करते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. योगेश दीक्षित बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार एक समय भोजन करके भी व्रत को रख सकते हैं। इस माह में अपने-अपने भाव से शिवभक्त पूजा करते हैं। कोई शिवजी का जागरण करके, कोई हरिद्वार से कावड़ में जल लाकर व कोई पूरे माह भगवान शंकर की ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करता है। कोई शिव पुराण का परायण करता है
गंगा जल कावड़ को धारण करने के नियम एवं मुहूर्त।
- हर की पौड़ी का ही जल कावड़ के लिए लेना चाहिए।
- जल लेने से पहले अपने गुरु एवं अपने बड़ों को प्रणाम करके गणेश जी की पूजा या प्रणाम करके उसके बाद जल के देवता वरुण को प्रणाम कर गंगाजी को प्रणाम करें व तीन बार गंगाजी का आचमन करे तत्पश्चात गंगाजी में स्नान कर गंगाजी से कावड़ के लिए गंगाजल लेने के लिए निवेदन कर गंगा जल कावड़ में ले।
- गंगा जल लेने के बाद भगवान शिव को प्रणाम कर यात्रा पूर्ण होने की प्रार्थना कर यात्रा प्रारम्भ करें।
- कांवड़ को भूमि पर न रखें व पदयात्रा करें।
- अन्न का सेवन न करें नियम संयम से व शुद्ध मन से यात्रा करें।
- फलाहार एवं दूध व व्रत की सामग्री का प्रयोग करें।
- अगर किसी और की खाद्य सामग्री खाए तो उसका मूल्य उसे प्रदान करें।
- किसी भी निकृष्ट वस्तु का स्वान न करें.
- यात्रा में ॐ नम: शिवाय का जप करते हुए चले।
-अगर लघुशंका या दीर्घ शंका जाना पड़े तो स्नान करके ही कावड़ को पुन: धारण करें
-कावड़ लेकर गुल्लर के पेड़ के नीचे से भी ना निकले छाया से भी दूर रहे।
- अच्छे मुहूर्त में ही कावड़ को धारण करना चाहिए एवं भगवान शंकर का अभिषेक अच्छे मुहर्त में ही करें एवं अभिषेक के बाद ही घर जाना चाहिए।
कांवड़ धारण करने के मुहूर्त -
एक अगस्त से श्रावण आरम्भ हो जायेगा और 1 अगस्त सायं 6.29 बजे से पंचक प्रारम्भ हो जायेंगे जो 5 अगस्त रात्रि 8. 56 मि. तक रहेंगे इनमे कावड़ उठाना श्रेष्ठ नहीं माना जाता अगर कोई शिव भक्त दूर से आता है तो उसके लिए पहला मुहूर्त 3 अगस्त दोपहर 2.47 बजे पर कावड़ धारण कर सकता है।
दूसरा मुहूर्त -6 अगस्त सुबह 5.49 बजे से सायं 7.40 तक सर्वार्थ सिद्धि योग योग है।
तीसरा मुहूर्त -9 अगस्त में सांय 4.59 बजे तक भद्रा है उसके बाद कावड़ धारण करें।
चतुर्थ मुहूर्त -10 अगस्त सुबह 5.51 बजे से सायं सात बजे तक।