हजरत अली अकबर अलै. की याद में निकाला मातमी जुलूस
सहारनपुर : हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अट्ठारह साल के बेटे शबीह-ए पैगंबर हजरत अली अकबर अलै. की या
सहारनपुर : हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अट्ठारह साल के बेटे शबीह-ए पैगंबर हजरत अली अकबर अलै. की याद में मातमी जुलूस महानगर के मुख्य बाजारों से निकाला गया।
अंसारियान स्थित हज्जन तुल्ली की इमाम बारगाह से अकीदतमंदों ने जुलजना निकालकर छोटी इमाम बारगाह तक जाने के बाद जुलूस में बड़ा अलम निकाला। जुलूस के दौरान भारी तादाद में उपस्थित अकीदतमंदों ने जंजीरों में बंधी छुरियों, कमाह व हाथ से अपने शरीर पर मातम किया, जिससे उनके शरीर से खून रिस रहा था। हजरत अली अकबर का गम उनके दिलो-दिमाग पर छाया हुआ था। गमजदा लोगों ने काले कपड़े पहन रखे थे। नंगे पैर, गिरेबां चाक मातम करते हुए चल रहे थे। साथ ही या हुसैन, या अली या अब्बास की आवाजें बुलंद कर रहे थे। जुलूस छोटी इमाम बारगाह से आरंभ होकर मुत्रीबान, नखासा बाजार, खानी बाग, फारुख की मस्जिद, सर्राफा बाजार, पुराना बजाजा, हलवाई हंट्टा, दीनानाथ बाजार, बड़तला यादगार, भगत सिंह चौक, मोरगंज व नगर कोतवाली के सामने से होता हुआ पुल दाल मंडी मटिया महल, आर्य कन्या इंटर कालेज, से होता हुआ जाफर नवाज स्थित बड़ी इमाम बारगाह पहुंचा। जहां कुछ समय रुकने के बाद जुलूस वापसी को चला तथा पुल सब्जी मंडी, जामा मस्जिद, नया बाजार, बाजार गौरी शंकर, चूड़ी बाजार संज्ञान से होता हुआ छोटी इमाम बारगाह पर जाकर संपन्न हुआ। जुलूस में आगे ऊंट, घोड़े व बैलगाड़ियों आदि पर छोटे बच्चे काले कपड़े पहने बैठे थे, जो लगातार 'हाय सकीना, हाय प्यास' के नारे बुलंद किये थे। बच्चे हाथों में काले निशान लिए थे। उनके पीछे शबीह अलम हजरत अब्बास अलै. को लियाकत जैदी लेकर चल रहे थे। उनके पीछे अंजुमने अकबरिया व अंजुमने इमामियां चल रही थी तथा मुस्लिम विद्वान तकरीरें कर कुर्बानी का पसे मंजर बयान कर रहे थे। जुलूस में सबसे पीछे जुलजना चल रही थी, जिसकी बाघ खुवाजा हसन मोहम्मद, कैसर अब्बास, मुनीर अब्बास ने पकड़ रखी थी। संचालन नियाज हैदर जैदी ने किया। इस दौरान सैयद आईएम जैदी, अथर अब्बास, मंजर हुसैन काजमी, जिया अब्बास जैदी, एसएचए नकवी, जैगम अब्बास, काजी अकरम, नवाब मुनव्वर, तनवीर हैदर सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद उपस्थित रहे।