दीपावली पर इंवेस्टमेंट प्लान की सौगात
सहारनपुर : आज की बचत कल की सुरक्षा जैसी सोच अब आमजन में विकसित हो रही है। इसकी पहल रोशनी के पर्व दीप
सहारनपुर : आज की बचत कल की सुरक्षा जैसी सोच अब आमजन में विकसित हो रही है। इसकी पहल रोशनी के पर्व दीपावली से होने लगी है। कम निवेश में जल्द और ज्यादा लाभ के लिए निवेशक म्युच्युल फंड में जोखिम लेने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। सोने-चांदी में निवेश क ा रुझान हालांकि कम नहीं हुआ है।
दीपावली पर परम्परागत रूप से होने वाली सोने-चांदी की खरीद के अलावा बचत स्कीमों में निवेश को प्राथमिकता दी जाने लगी है। डाक व बैंकों की बचत स्कीम न्यूनतम जोखिम के दायरे में मानी जाती है। बावजूद इसके तेजी से बदले आर्थिक दौर में निवेशक शेयर बाजार व म्युच्युल फंड की ओर दौड़ने लगे हैं। बाजार की अच्छी समझ रखने वालों के लिए यहां अच्छी संभावनाएं हैं, लेकिन यदि पहली बार निवेश करने का मन बना रहे हैं तो निश्चित रूप से सोच समझकर आगे बढ़ना होगा।
म्युच्युल फंड में सिप का दौर
सिप (सिस्टमेटिक इंवेस्टेमेंट प्लान) से म्युच्युल फंड में निवेश न्यूनतम 100 रुपये मासिक से आरंभ हो जाता है। मासिक किस्त चेक अथवा बैंक खाते के माध्यम से सिप में ट्रांसफर होती रहती है। बाजार सूत्रों के मुताबिक गत पांच वर्षो में मासिक 1000 की सिप लगाने वाले निवेशक ने पांच वर्ष में 60 हजार जमा किए। म्युच्युल फंड में निवेश की यह राशि निवेशक को रिटर्न के रूप में 1.35 से 1.82 लाख तक मिली। अधिकतम ग्रोथ 151.66 फीसदी दर्ज की गई।
इनका कहना है
निवेश सलाहकार सचिन वर्मा बताते है कि डाकघर व बैंक की बचत स्कीमों में निवेश करने वाले लोगों का रूझान म्युच्युल फंड की ओर बढ़ा है। निवेश के लिए वह जोखिम से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। डाकघर व बैंक के अलावा करीब 60 फीसदी निवेशक म्युच्युल फंड लेने में रूचि दिखाने लगे हैं।
-निवेश सलाहकार नवनीत मित्तल का कहना है कि बचत स्कीमों में निवेश को 'गिफ्ट' के रूप में दिया जाना काफी अच्छा है। जैसे-जैसे आर्थिक समझ बढ़ेगी निवेश में भी तेजी आएगी।
-प्रमुख सर्राफा कारोबारी राम राजीव सिंघल का मानना है कि सोने व चांदी की खरीद प्रापर्टी में निवेश से कहीं अधिक बेहतर है। जब आवश्यकता हो तो सोने-चांदी को तत्काल कैश कराया जा सकता है। गत वर्ष के मुकाबले सोने व चांदी के भाव काफी कम हैं।