इमरान के राजनैतिक कैरियर पर संकट!
सहारनपुर : सहारनपुर सदर सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में भाजपा ने जीत हासिल कर हैट्रिक बनाई, वहीं कांग्रेस व कद्दावर काजी परिवार अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ता नजर आ रहा है। उपचुनाव के बाद सबसे अधिक नुकसान पूर्व विधायक इमरान मसूद को उठाना पड़ रहा है।
जिले में करीब 22 वर्षो से अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस को 2012 के विधानसभा के चुनाव के दौरान संजीवनी मिली थी। उस वक्त काजी रशीद मसूद व इमरान मसूद ने जब सार्वजनिक घोषणा कर समाजवादी पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थामा था। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा जिले में मात्र देवबंद सीट ही बचा पाई और भाजपा सदर सीट पर काबिज रही। कांग्रेस केवल गंगोह सीट निकालने में सफल रही। इस विधानसभा चुनाव की खासबात यह रही कि काजी प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहकर सपा व भाजपा के कई प्रत्याशियों को तो धूल चटाने में सफल रहा, लेकिन बसपा के चार विधायकों चुने जाने से नहीं रोक पाया। यहीं नहीं इमरान मसूद को नकुड़ सीट पर हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद काजी परिवार में विघटन हुआ। काजी रशीद मसूद राज्यसभा में प्रवेश कर केबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल करने के अलावा कांग्रेस एआइसीसी में विशेष आमंत्रित सदस्य हो गए। इसके बाद काली रशीद मसूद पुराने मामले में सजा पा गए और वर्तमान में भी जेल में है। परिवार में विघटन के बाद इमरान मसूद ने लोकसभा चुनाव में सपा का टिकट हासिल कर लिया, लेकिन काजी रसीद मसूद ने पुराने संबंधों का हवाला दे इमरान का टिकट कटवा दिया और अपने पुत्र शादान मसूद को पार्टी प्रत्याशी घोषित करा दिया। बिलबिलाए इमरान ने आनन फानन में कांग्रेस नेताओं से संपर्क कर लोकसभा का टिकट हासिल कर लिया, लेकिन इसी दौरान जहरीली सीडी प्रकरण में इमरान को जेल जाना पड़ा। इस प्रकरण ने सारे चुनावी समीकरण बदल दिए और ध्रुवीकरण के चलते इमरान मसूद ने 4 लाख से अधिक वोट हासिल किए, बल्कि शादान मसूद की जमानत हो गई। ये अलग बात है कि इमरान को भी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद इमरान मसूद भारी विरोध के बावजूद अपने खास सिपहसालार मुकेश चौधरी को टिकट दिलाने में सफल रहे। हालांकि मुकेश चौधरी जमानत भी नहीं बचा पाए। उप चुनाव के बाद इमरान की छवि को खासा नुकसान पहुंचा है। उनके समक्ष राजनैतिक संकट बढ़ता जा रहा है। मुस्लिम वोट के किनारा करने से कांग्रेस का वजूद भी जिले में हाशिये पर है। सियासी हल्के में चर्चा है कि इमरान के कई खास साथी भी जल्द ही पाला बदलने की तैयारी में लगे बताए जाते हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि इमरान मसूद भी सपा सुप्रीमों से हाथ मिलाने की कोशिश में हैं। कुल मिलाकर राजनीति के चतुर खिलाड़ी इमरान मसूद अगली कौनसी चाल चलेंगे। इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।