यहा विकास की परिभाषा ही गुल
सहारनपुर : हरियाणा-उत्तराखंड-हिमाचल प्रदेश की सीमा पर बसे व मराठा कालीन सहारनपुर केलोग बुनियादी समस्याओं से जूझते-जूझते विकास की परिभाषा ही भूल चुके हैं। बागवानी, हौजरी एंव रेडीमेड, वुडकार्विग जैसी औद्योगिक इकाइया व स्वास्थ्य और शिक्षा की सर्वाधिक सुविधाएं इस क्षेत्र में होने व आइटीसी कंपनी होने के कारण प्रदेश में सर्वाधिक सरकारी राजस्व देने के मामले में यह क्षेत्र अन्य लोस क्षेत्रों की तुलना में अव्वल है। फिर भी इस क्षेत्र में शामिल विस सहारनपुर सदर, सहारनपुर देहात, बेहट, देवबंद और रामपुर मनिहारन सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि सहारनपुर से सांसद राघव लखनपाल शर्मा जिस भाजपा पार्टी से है, उन्हीं की सरकार केन्द्र में है। इस सरकार के गठन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं, पर सहारनपुर के हिस्से में खाली कटोरा ही आया है। अभी तक सांसद को अपनी संसदीय निधि का पैसा रिलीज नहीं हुआ है, जिस कारण सभी विस क्षेत्रों में विकास कार्य न होने को लेकर जनता परेशान है।
ये थे सासद केवादे
-सहारनपुर लोस क्षेत्र का तीव्र विकास
-अवैध पशु कटान से मुक्ति मिलेगी।
-टपरी से मेरठ तक रेलवे लाइन का दोहरीकरण होगा
-जम्मू की तर्ज पर मेगो पार्क बनवाना
-अलीगढ़ की तर्ज पर केंद्रीय विवि की स्थापना
-एम्स की तर्ज पर मेडिकल कालेज एंव अस्तपाल की स्थापना
- महानगर की यातायात व्यवस्था बेहतर होगी।
-सहारनपुर मंडल को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल कराना।