बिजली को लेकर हाहाकार, तहसील का घेराव
सहारनपुर : बिजली की अघोषित कटौती को लेकर जनपद में हा-हाकार मचा हुआ है। बिजली की अंधाधुंध कटौती से उद्योग धंधे प्रभावित हो हरे हैं। बाजारों में भी कारोबार प्रभावित हो रहा है।
बेहट में तो मंगलवार को बिजली कटौती पर उपभोक्ताओं का गुस्सा सड़कों पर आ गया। सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए तहसील का घेराव किया। उन्होंने तहसील दिवस पर यहां मौजूद कमिश्नर तनवीर जफर अली व डीआईजी एन रविन्द्रन को खरी-खोटी सुनाई। लोगों का आरोप था कि कहने को बेहट को तहसील का दर्जा प्राप्त है, इसके बाद भी यहां चार घंटे बिजली मिल रही है। अधिकांश गांव ऐसे हैं, जहां ट्रांसफारमर फूंके हैं पर वह बदले नहीं जा रहे हैं। उन्होंने शेड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति 18 घंटे किए जाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि एसडीओ व अवर अभियंता बिजली घर पर उपलब्ध नहीं रहते। वहां फोन उठाने वाला भी कोई नहीं रहता है। कमीश्नर ने एसडीओ व जेई को निर्माणाधीन 33 केवीए के उपकेन्द्र के चालू न होने के बारे में पूछा तो उन्होंने स्टोर से सामान न मिलने की बात कही। जिस पर कमीश्नर का पारा चढ़ गया और दोनों को जमकर फटकार लगाई। कमीश्नर ने एसडीएम शीतल प्रसाद गुप्ता को आदेश दिया कि वह एसडीओ व अवर अभियंता को साथ लेकर बुधवार को 11 बजे स्टोर से सामान उठवाएं और उपकेन्द्र को शीघ्र चालू कराएं।
इससे पूर्व आन्दोलनकारियों को देखकर अफसरों के हाथ- पैर फूल गए। एसडीएम शीतल प्रसाद गुप्ता, सीओ हरिप्रकाश कसाना, तहसीलदार सुरेश कुमार व इंस्पेक्टर पीएन शर्मा दौड़कर बाहर आए। जिन्हें देखकर प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी तेज करते हुए इन अधिकारियों को भी घेर लिया। एसडीएम सिर्फ पांच लोगों के अंदर जाकर कमीश्नर के समक्ष ज्ञापन देने की बात कर रहे थे, लेकिन भीड़ नहीं मानी और सभागार में जाकर कमिश्नर का घेराव किया। प्रदर्शन में पूर्व चेयरमैन फुरकान अहमद, अनिल सिंघल, टीपू आजाद, राकेश गाबा, वशिष्ठ गुप्ता, शौकत अली, सभासद दीपक सिंघल, मिर्जा फजलुर्रहमान के साथ ही एमए काजमी, नईम काला, राजसिंह राणा, सईद मंसूर, फूलचंद नेता, मा. जमील, सुरेन्द्र कुमार, महमूद अली खां, आदि शामिल रहे।
जारी रही कटौती
सोमवार की रात सहारनपुर में कई स्थानों पर बारिश हुई, जिसके बाद मौसम सुहावना हो गया, पर बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई। मंगलवार को भी सुबह से ही बिजली के नखरे जारी रहे। दिन भर कटौती का क्रम जारी रहा।