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मौसम तोड़ न दे फलों के राजा का गुमान

By Edited By: Published: Thu, 17 Apr 2014 11:00 PM (IST)Updated: Thu, 17 Apr 2014 11:00 PM (IST)
मौसम तोड़ न दे फलों के राजा का गुमान

सहारनपुर : इस बार फलों के राजा आम पर मौसम कुछ अधिक बेईमान नजर आ रहा है। पेड़ों पर आए छोटे-छोटे फलों को देख बागवान खासे खुश हैं, लेकिन उनकी खुशी पर मौसम की मार भी शुरू हो गई है। मौसम के चलते बीमारी की संभावना भी बढ़ गई है।

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जनपद में 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम बाग लगे हुए हैं। सहारनपुर में आम की अच्छी पैदावार होने के कारण ही यहां बेहट क्षेत्र को फलपट्टी घोषित किया हुआ है। सहारनपुर के आम की अच्छी क्वालिटी होने के कारण ही यहां मंडी समिति स्थित मैंगो पैक हाउस के माध्यम से आम का निर्यात मंडी परिषद की ओर से यूपी सरकार के ट्रेड मार्क 'नवाब' नाम से हर साल कई टन आम विदेशों में निर्यात किया जाता है। यहां के लंगड़ा, दशहरी व चौसा विदेशियों की पहली पसंद बने हुए हैं। यही कारण है कि सहारनपुर के आम का निर्यात साल दर साल बढ़ रहा है। इस साल आए बौर को देख आम का उत्पादन गत वर्षो की अपेक्षा काफी अच्छा नजर आ रहा है। निर्यातक उम्मीद पर कायम हैं कि इस साल आम का अच्छा निर्यात होगा, मगर इस साल बेईमान हो रहा मौसम उनकी उम्मीदों पर पानी फेरता नजर आ रहा है। अप्रैल में मौसम अब तक कई बार करवट ले चुका है, मगर गुरुवार को तेज हवाओं के साथ आई बरसात ने आम बागवानों की चिंता बढ़ा दी है।

कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा. आइके कुशवाहा का कहना है कि गुरुवार को जिस तरह तेज हवाएं चली उससे भुनगा कीट तो उड़ जाता है। साथ ही इस हवा से पेड़ों पर आया छोटा फल भी काफी गिर गया है। मगर बारिश के कारण आम के पेड़ों में बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए बागवानों को छिड़काव करते रहना चाहिए।

गेहूं की कटाई भी हो रही प्रभावित

सहारनपुर : इस साल मौसम के बिगड़ते मिजाज के कारण गेहूं की फसल भी अभी तक नहीं कट पाई है। कभी तेज गर्मी तो कभी अचानक बारिश होने से गेहूं की फसल नहीं कट पा रही है। जनपद सहारनपुर कृषि प्रधान जनपद माना जाता है यहां करीब 85 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूं की फसल लगाई जाती है। इस समय हर खेत में गेहूं की तैयार फसल लहलहा रही है। किसान जब भी इसे काटने की सोचता है तभी बारिश उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रही है। चार-पांच दिन मौसम खुला रहने के बाद गुरुवार को एक बार फिर तेज हवा के साथ हुई बारिश के कारण न केवल गेहूं गिर गया, बल्कि कटाई एक बार फिर पीछे हो गई है। कृषि वैज्ञानिक डा. आइके कुशवाहा का कहना है कि वर्तमान में हो रही बारिश जहां गेहूं की फसल के लिए नुकसानदेय है। जिन किसानों ने गेहूं की कटाई की हुई है और गेहूं की बाली बारिश में भीग गई है तो उसे मौसम साफ होने पर हवा अवश्य लगाए। जब तक बाली नहीं सूखेगी तब तक गेहूं भी नहीं निकल पाएगा।


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