खटमल मार दवा से मासूम की मौत
रामपुर। खेल-खेल में ढाई साल के मासूम ने घर में रखी खटमल मार दवा खा ली। दवा खाते ही उसके मुंह और नाक से झाग और खून निकलने लगा। आनन फानन में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के ग्राम आगापुर में पेशे से मजदूर सईद अहमद रहते हैं। सईद के चार बच्चे हैं। इनमें ढाई साल का बेटा आरिश गुरुवार को घर में ही खेल रहा था। दोपहर करीब तीन बजे आरिश के हाथ घर में ही रखी खटमल मार दवा लग गई। जहरीली दवा से अंजान बच्चे ने उसे मुंह में डाल लिया। परिजनों को इसकी भनक नहीं लगी। कुछ ही देर में बच्चे के मुंह और नाक से खून भरे झाग निकलने लगे। थोड़ी ही देर में उसे उल्टियां शुरू हो गई। लगातार उल्टियां होने पर परिजनों का ध्यान उस पर गया। हकीकत जान परिजनों के होश उड़ गए। मासूम को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए रेफर करने की बात कही। परिजन जब तक उसे कहीं ले जाते, मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिजन उसे वापस घर ले आए। बच्चे के दफन की तैयारी शुरू कर दी। जानकारी पर ग्राम प्रधान अजीत गौतम और अन्य ग्रामीण भी पहुंच गए।
असावधानी बनी कारण
इस तरह की किसी भी दवा पर साफ लिखा रहता है कि इसे ऐसी जगह पर रखें जहां से यह बच्चों के हाथ न लगे। पर अनपढ़ मजदूर सईद ने इसपर ध्यान नहीं दिया और दवा घर में ऐसे ही पड़ी रही। इसी असावधानी ने मासूम की जान ले ली। चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह की दवाइयों को हमेशा बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
मिथाइल पैराथियान हो सकता मौत का कारण
मासूम आरिश की मौत का कारण मिथाइल पैराथियान हो सकता है। वैसे तो यह प्रतिबंधित दवा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे सबसे खतरनाक दवाओं की 'ए' श्रेणी में रखा है। पर दवा खाने के बाद बच्चे के अंदर जो लक्षण पैदा हुए, चिकित्सकों का मानना है कि आमतौर पर खटमल मारने में प्रयोग होने वाला मिथाइल पैराथियान ही इसका कारण है।
ये हैं लक्षण
-मुंह व नाक से झाग आना
- फेफड़ों के अवरुद्ध होने से खून भरा झाग आना
- उल्टी, दस्त
- सिरदर्द, बेहोशी
- दिखाई न देना
- मौत
कैसे बचें
- इन दवाओं को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- यदि झाग आना शुरू हो गया है तो तुरंत चिकित्सक के पास ले जाएं।
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