पूर्व सिपाही से दो लाख रुपये मांगने में जांच शुरू
रामपुर : पूर्व सिपाही से दो लाख रुपये मांगने का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। मुख्यमंत
रामपुर : पूर्व सिपाही से दो लाख रुपये मांगने का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री के उप सचिव हरिमोहन झा ने जिलाधिकारी से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को जांच भेज दी है।
शहर के मुहल्ला घेर जानस खां निवासी मोहम्मद रफी पहले एसओजी में थे। वर्ष 2009 में उन्हें बरेली के तत्कालीन डीआइजी ने ड्यूटी से बिना बताए गैर हाजिर रहने पर बर्खास्त कर दिया था। सिपाही की मानें तो वह तब रामपुर में तैनात थे और सरकारी पिस्टल के साथ ड्यूटी कर रहे थे। उन्होंने वेतन भी लिया। अपनी बर्खास्तगी को गलत ठहराते हुए उच्चाधिकारियों से अपील की, जिसे तत्कालीन आइजी बरेली ने खारिज कर दिया। उन्होंने रीविजन भी किया, जिसे तत्कालीन डीजीपी ने खारिज कर दिया था। तब वह इंसाफ के लिए मुख्यमंत्री दरबार में पहुंच गए। वहां शिकायत की। मुख्यमंत्री स्तर से जांच कराई गई, जिसमें बर्खास्तगी गलत पाई गई। इस पर बरेली के आरआइ समेत सात पुलिस कर्मी दोषी पाए गए। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हुई, लेकिन तत्कालीन डीजीपी, आइजी और डीआइजी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वर्तमान में तीनों अफसर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें डीजीपी जगमोहन यादव, आइजी बद्री प्रसाद ¨सह और डीआइजी सुशील कुमार ¨सह हैं। अपनी बहाली और बर्खास्तगी के लिए दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वह छह जून 2014 को गृह विभाग के सचिव बच्चू लाल से मिले थे। आरोप है कि सचिव ने उनसे इस काम के बदले दो लाख रुपये मांगे। पूर्व सिपाही ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। उनकी शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच कर रिपोर्ट तलब की है। पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने सीओ सिटी राहुल कुमार को जांच सौंप दी है। हालांकि शिकायत गृह सचिव की होने के चलते सीओ जांच से बच रहे हैं।