शरीर रूपी घट का शोधन है नवरात्र: वासन्तेय
रामपुर: श्री त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ के आचार्य महायोगी वासन्तेय ने कहा है कि मानव शरीर व संसार दोनों
रामपुर: श्री त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ के आचार्य महायोगी वासन्तेय ने कहा है कि मानव शरीर व संसार दोनों ही घट यानी कलश है, शरीर रूपी घट की शुद्धि ही नवरात्र हैं। महायोगी वासन्तेय मंगलवार सवेरे शक्तिपीठ में नवरात्र अर्चन में घट स्थापना पर चर्चा कर रहे थे। बताया कि हमारे शरीर में पांच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश व वायु का समावेश है तथा चार मन, बुद्धि, चित्त और सूक्ष्म साधन है, जिसको महात्रिपुर सुंदरी जिन्हे महादुर्गा शक्ति भी पुकारते हैं, संचालन करती है। इसके आधार पर नौ चक्रों की सृष्टि का अनुभव महायोगियों ने किया है। इस अनुभूत सत्य को प्रकट करने के लिए शरीर में नौ चक्रों के साथ नौ उर्जा की संवेदनाओं का स्थापन माना गया है। आज प्रथम शैलपुत्री उसी के आधार पर अराधना की अधिष्ठात्री मानी गई हैं जिसके शरीर में कटिभाग के नीचे मूलाधार चक्र में विद्यमान बताया गया है। आज सबको मूलाधार चक्र पर ध्यान करना चाहिए जिससे अच्छे-अच्छे सृजन के निर्माण का लाभ मिल सके। बताया कि उपवास में कुट्टू के साथ ¨सघाड़ा अत्यन्त उपयोगी है। इससे पहले प्रात: पांच बजे सामान्य अर्चन का कार्यक्रम हुआ जिसमें देवी पुराण एवं श्री ललिता सहस्त्रनाम का विधिवत पाठ तथा बीज मंत्रों द्वारा गत संवत्सर को भावभीनी विदाई दी गई, जिसमें राष्ट्र की सीमा पर शहीद हुए जवानों व अफसरों को हार्दिक संवेदना व्यक्त की गई और उनको भारतीय परमवीर घोषित किया गया। आघात द्वारा गत संवत्सर में जो दुख दिया उसके लिए मां भगवती से शांति की प्रार्थना की गई। साथ ही अनेक उपलब्धियां भी राष्ट्र को प्राप्त हुईं, उसके लिए संवत्सर का आभार प्रकट किया। साढे़ आठ बजे नवरात्र के घट की स्थापना की गई। सांयकालीन सत्र में ध्यान व योग पर चर्चा हुई। इस मौके पर डा. वीवी शर्मा, विमला शर्मा, उमा शर्मा, रणवीर ¨सह, शाम्भव गुप्ता आदि तमाम साधक उपस्थित रहे।