मिस कॉल बताएगी, दवा खाई या नहीं
भास्कर ¨सह, रामपुर: टीबी मरीजों द्वारा बीच में ही दवा छोड़ देने के कारण बीमारी खत्म करने में सफलता नह
भास्कर ¨सह, रामपुर: टीबी मरीजों द्वारा बीच में ही दवा छोड़ देने के कारण बीमारी खत्म करने में सफलता नहीं मिल पा रही। इसके लिए मरीजों को अब ऐसी दवा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके रैपर पर एक टोल फ्री नंबर होगा। मरीज दवा खाने के बाद इस नंबर पर मिस कॉल देगा। मिस कॉल न आने पर अधिकारियों को मरीज के दवा न खाने की जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद सुपरवाइजर मरीज के घर जाकर उसे दवा खाने की याद दिलाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट- 2016 के अनुसार साल 2015 में देश में टीबी से होने वाली मौतों की संख्या 4.80 लाख है जो वर्ष 2014 में 2.20 लाख थी। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. प्रदीप वाष्र्णेय का कहना है कि टीबी के मरीजों द्वारा दवा का पूरा कोर्स न करने से यह बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो रही है। साधारण मरीजों की दवा का कोर्स छह माह का होता है, लेकिन कुछ की बीमारी साधारण दवाओं से ठीक नहीं होती है। ऐसे में इन्हें दो साल तक दवा खानी पड़ती है। कोर्स पूरा न होने से शरीर के अंदर टीबी का बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म नहीं हो पाता और अनुकूल परिस्थितियां होने पर वह दोबारा सक्रिय हो जाता है।
एप पर मिलेगी जानकारी
अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में आने वाले मरीजों का डाटा ऑनलाइन करके उन पर नजर रखी जा रही है। 99 डॉट्स नाम से मोबाइल एप बनाया गया है, जिसे क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों के मोबाइल पर डाउनलोड किया गया है। दवा खाने के बाद मरीज द्वारा दी जाने वाली मिस कॉल की जानकारी इस एप पर आ जाएगी। अधिकारी जान सकेंगे कि किस मरीज ने दवा खाई है और किसने नहीं।