ट्रांसफार्मर ठीक कर रहे संविदा कर्मी की करंट लगने से मौत
सब स्टेशन ऑपरेटर ने चालू कर दी थी सप्लाई, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप परिजनों ने बिजली विभाग पर
सब स्टेशन ऑपरेटर ने चालू कर दी थी सप्लाई, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
परिजनों ने बिजली विभाग पर किया जमकर हंगामा
जागरण संवाददाता, रामपुर : किला परिसर में ट्रांसफार्मर ठीक कर रहे संविदा कर्मी की करंट लगने से मौत हो गई। सब स्टेशन ऑपरेटर के सप्लाई चालू करने की वजह से यह हादसा हुआ है। वहीं, हादसे को लेकर परिजनों में आक्रोश है। इसको लेकर परिजनों ने बिजलीघर पर जमकर हंगामा किया। उन्होंने विभागीय कर्मचारियों पर ही हत्या करने का आरोप लगाया है।
हादसा बीती रात किला बिजलीघर क्षेत्र में हुआ। रात करीब साढ़े आठ बजे बिजलीघर पर सूचना मिली कि किला परिसर में उद्यान अधीक्षक कार्यालय के पास ट्रांसफार्मर में आग लग गई। इस पर सराए गेट रोड निवासी संविदा लाइन कुली चिरंजी लाल फाल्ट ठीक करने के लिए चला गया। उसने शटडाउन ले लिया था। बिजलीघर पर उस समय सब स्टेशन ऑपरेटर अकरम और अजय शंकर तैनात थे। चिरंजी लाल ने ट्रांसफार्मर को ठीक करने का काम शुरू कर दिया, लेकिन इस बीच सब स्टेशन ऑपरेटर ने सप्लाई चालू कर दी। इससे चिरंजी लाल करंट की चपेट में आ गया और वह गंभीर रूप से झुलस गया। हालत यह थी कि उसका आधा शरीर जल चुका था। हादसे के बाद अफरा तफरी मच गई। आनन फानन में कर्मचारी चिरंजी लाल को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां से उसे मुरादाबाद रेफर कर दिया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जैसे ही घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को मिली, तो कोहराम मच गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया। हादसे की खबर मिलते ही उपखंड अधिकारी अनिल कुमार, अवर अभियंता प्रदीप कुमार मौके पर पहुंच गए। वहीं, हादसे को लेकर मृतक के परिजनों में आक्रोश है। इस बावत शनिवार को परिजनों ने बिजलीघर पर जमकर हंगामा किया। अफसरों के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। परिजनों का विभागीय कर्मचारियों पर ही हत्या कराने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यह हादसा जान बूझकर अंजाम दिया गया है। सब स्टेशन ऑपरेटर ने शटडाउन की जानकारी के बावजूद लाइन चालू कर दी। हालांकि, विभागीय अफसर इस पूरे मामले को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। अधिशासी अभियंता एसके पांडेय ने बताया कि हादसे के कारणों के बारे में पता लगाया जा रहा है। उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
न जिम्मेदारी न जवाबदेही, लीपापोती करने में जुटे अफसर
जागरण संवाददाता, रामपुर : बिजली विभाग में कर्मचारियों की लापरवाही हादसों की वजह बनती है। कभी पब्लिक का व्यक्ति सिस्टम की सुस्ती का शिकार होता है तो कभी विभाग के कर्मचारी की ही जान चली जाती है। एक के बाद एक हादसों के बाद हर बार जांच का बात भी होती है, लेकिन इन हादसों को लेकर न किसी की जवाबदेही तय होती है और न ही किसी की जिम्मेदारी। लिहाजा, हादसों का सिलसिला लगातार जारी है।
बिजली के करंट से हुई संविदा लाइन कुली चिरंजी लाल की मौत कोई पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई हादसे हुए हैं, जिसमें कर्मचारियों की ¨जदगी की डोर बिजली के तार में झुलस गई। यही नहीं आम लोग भी अक्सर ऐसे हादसों का शिकार हो जाते हैं। शुक्रवार रात को जिस तरह से चिरंजी लाल की मौत हुई, यह हादसा सीधे तौर पर विभागीय लापरवाही का ही नतीजा है। दरअसल, जब चिरंजी लाल शटडाउन लेकर गया तो फिर शटडाउन वापस होने से पहले आपूर्ति कैसे चालू कर दी गई? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए जब उपखंड अधिकारी अनिल कुमार और अवर अभियंता प्रदीप कुमार ने लॉगशीट खंगाली तो देखा कि लॉगशीट में शटडाउन अंकित ही नहीं है। एसडीओ ने बताया कि यह काम सब स्टेशन ऑपरेटर का होता है, लेकिन उसने यह काम नहीं किया। बल्कि, मौखिक शटडाउन देकर चिरंली लाल को ट्रांसफार्मर पर काम करने के लिए भेज दिया और सप्लाई चालू होने से यह हादसा हो गया। सीधे लापरवाही सामने होने के बाद भी अफसर किसी की जिम्मेदारी या जवाबदेही तय करने को तैयार नहीं है, बल्कि जांच के जंजाल में मामले की लीपापोती करने की कोशिशें की जा रही हैं। अधिशासी अभियंता एसके पांडेय बताते हैं कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। देखा जा रहा है कि कब शिकायत आई थी और कब फाल्ट अटैंड किया गया था। पूरी जांच के बाद भी कुछ कहा जा सकता है।
परिजनों को मिलेगा मुआवजा
रामपुर : बिजली विभाग में तैनात संविदा लाइन कुली चिरंजी लाल की मौत के बाद विभाग की ओर से उसके परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। अधिशासी अभियंता ने बताया कि मृतक के परिजनों को विभाग की ओर से मुआवजा दिलाने के साथ सभी कर्मचारी भी आर्थिक सहयोग एकत्र कर पीड़ित परिवार की मदद करेंगे।