बजट में गांवों की सड़कों को मिले जीवनदान
पथरीली सड़कों से ग्रामीणों को होती हैं परेशानियां जागरण संवाददाता, रामपुर : गांवों की पथरीली और कच्
पथरीली सड़कों से ग्रामीणों को होती हैं परेशानियां
जागरण संवाददाता, रामपुर : गांवों की पथरीली और कच्ची सड़कों के बीच हिचकोले खाते वाहन लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं। साल दर साल वायदों के बीच गांवों की सड़कों के हालात नहीं बदल पाते। अफसरों के पास जाएं तो वह भी बजट का रोना रो देते हैं। लिहाजा, केन्द्र सरकार के आगामी बजट से ग्रामीण गांवों की सड़कों के लिए जीवनदान चाहते हैं। इसके लिए उन्हें सरकार से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बजट में इजाफे की उम्मीद है।
जिले के ग्रामीण इलाकों की सड़कों की हालत खस्ता है। सालों से टूटी पड़ी सड़कों पर लोगों का आवागमन दुश्वार हो गया है। बिलासपुर के अहरो शीशगढ़ मार्ग की बात की जाए तो सालों से सड़क बदहाल हैं। आए दिन रोड़ें की वजह वाहनों में खराबी हो जाती है। यही नहीं रोड़े पर वाहन खूब फिसलते हैं, जिससे अक्सर हादसे होते रहते हैं। सड़कों का जुड़ाव ठीक न होने के कारण दिन व दिन ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हालांकि, केन्द्र सरकार की ओर से गांवों की सड़कों की दशा सुधारने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चलाई जा रही है। किन्तु, बीते कुछ सालों में सरकार ने योजना पर खास ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते गांवों की सड़कें बदहाल होती गईं। रामपुर की बात की जाए तो इस साल में 29 सड़कों का निर्माण कार्य हुआ है। महज 58 किलोमीटर सड़क बनाई गई हैं, जिस पर करीब 16 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ये सड़कें पर करीब दो साल पहले ही मंजूर हो चुकी थीं। वहीं, बजट के अभाव में आठ सड़कों के प्रस्ताव लंबित रह गए। यदि सरकार इसे गंभीरता से लेती तो यह काम एक साल पहले ही पूरे हो गए होते। किन्तु, अब सरकार ने इस पर दोबारा काम शुरू करने की बात कही है, जिस पर पांच प्रस्ताव रिवाइज कर मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिए गए हैं। इसमें 22 करोड़ रुपये की लागत से 42.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जाना है।
इसके साथ ही केन्द्र सरकार आगामी कुछ दिनों में आम बजट भी पेश करने वाली है। इस बजट से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सड़कों को लेकर खासा उम्मीदें हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार बजट में गांवों की सड़कों के लिए पर्याप्त पैसे की व्यवस्था करे, ताकि सड़कों का निर्माण तेजी से हो सके। गांवों की सड़कों की दशा सुधरे और किसान का भी आवागमन सुविधाजनक हो सके। मंजूर कार्यों को निर्धारित समय के भीतर निपटाने की व्यवस्था की जाए।
ये सड़कें हैं प्रस्तावित
जिले से हाल ही में पांच सड़कों के प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजे गए हैं, जिसे प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार को भेजेगी। इसके बाद मंजूरी होगी और प्रदेश सरकार को पैसा मिलेगा। तब कहीं जाकर सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा। अधिशासी अभियंता अब्दुल वाहिद ने बताया कि पांच सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा। 42.5 किलोमीटर बनने वाली इन सड़कों पर करीब 22 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें लारपुर बीबी से बादली, मार्ग से मवाना होते हुए शिकारपुर चौराहा, राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से जुठिया मोला, दबका होते हुए रामपुर केमरी रोड तक। राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से बकनौरी तक और मुख्य मार्ग टी 09 से मुगलपुर होते हुए मझरा लारपुर तक सड़कें शामिल हैं।
तीन साल पहले जिला पंचायत में 180 करोड़ रुपये के प्रस्ताव दिए थे, लेकिन केन्द्र सरकार से पूरा पैसा नहीं मिला। इस कारण गांवों की सड़कों का निर्माण नहीं हो सका। बिलासपुर क्षेत्र की मुल्लाखेड़ा से भटपुरा तारन, पंजाबनगर से मिलक मुंडी समेत जिले की अनेक सड़कें नहीं बन सकीं। चालू वित्त वर्ष में तो केन्द्र सरकार ने पैसा ही नहीं दिया है। ऐसे में सरकार को बजट में ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे केन्द्रीय योजनाओं का पैसा समय से मिल जाए और गांवों की सड़कों का निर्माण हो सके।
अब्दुल सलाम, पूर्व अध्यक्ष, जिला पंचायत, रामपुर।
ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर कोई ध्यान नहीं देता है। गांव के लोग सालों तक कच्ची और टूटी फूटी सड़कों पर निकलते हैं। आएदिन हादसे होते रहते हैं। अफसरों से सड़क के बारे में बात करें तो पैसा न होने की बात कहकर मामला टाल दिया जाता है। गांवों की सड़कों का लक्ष्य कम रहता है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही सड़कों का निर्माण के लिए बजट में पर्याप्त पैसे का इंतजाम होना चाहिए, जिससे ग्रामीणों को भी पक्की सड़कों पर चलने का हक मिल सके।
देशपाल ¨सह
सरकारें गांवों की तरफ ध्यान नहीं देती। नेता भी नहीं देखते। कई कई सालों तक लोग टूटी फूटी सड़कों से होकर गुजरने को मजबूर रहते हैं। इससे तमाम परेशानियां होती हैं। सरकार को चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की दशा अच्छी हो। इसके लिए सरकार को सड़कों के निर्माण के लिए भरपूर पैसा देना चाहिए। इसमें मुख्य मार्ग बनाने के साथ ही यह भी व्यवस्था हो कि उसे मार्ग से जुड़े अन्य मार्गों का भी निर्माण हो।
भोजराम ¨सह
गांवों की सड़कें बड़ा मुद्दा है। दरअसल, गांवों का मुकम्मल विकास ही इस वजह से नहीं हो पा रहा है क्योंकि गांवों के संपर्क मार्ग बदहाल हैं। ऐसे में न रोजगार पैदा हो रहे हैं और न ही किसान अपनी फसलों को मंडियों तक ले जा पाते हैं। सरकार को चाहिए कि गांवों की सड़कों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समय सीमा के भीतर होना चाहिए। इसके लिए सरकार को पैसे का पूरा इंतजाम करना चाहिए। इस बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बजट बढ़ाया और गांवों की सड़कें बनवाई जाएं।
कंचन ¨सह