बहू को चुनाव जिताने को ससुर ने रची थी अपने अपहरण की साजिश
रामपुर । बहू को चुनाव जिताने के लिए एक ग्रामीण ने खुद के अपहरण की साजिश रच दी। तीन दिन तक वह घर से ग
रामपुर । बहू को चुनाव जिताने के लिए एक ग्रामीण ने खुद के अपहरण की साजिश रच दी। तीन दिन तक वह घर से गायब रहा। परिजनों ने चुनाव में खड़े दूसरे पक्ष पर अपहरण का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद परिजनों ने ग्रामीण की बरामदगी को लेकर पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। एसपी आवास पर प्रदर्शन तक किया। पुलिस के लिए मामला सिरदर्द बन गया। थाने की पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच को लगाना पड़ा। तीन दिन बाद ग्रामीण खुद ही नाटकीय ढंग से गांव में पहुंच गया। खुद ही अपने हाथ पैर बांधकर खेत में पड़ा रहा। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो फर्जी अपहरण की कहानी ज्यादा देर नहीं टिक सकी। ग्रामीण ने सब सच उगल दिया। तब पुलिस ने आरोपी के खिलाफ ही कार्रवाई कर जेल भेज दिया। आरोपी के परिजनों के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। परिजनों में ग्रामीण के दो भाई और बेटा शामिल हैं। एक आरोपी भाई बेसिक शिक्षा विभाग में न्याय पंचायत समन्वयक है। फर्जी अपहरण के इस पटकथा की शुरुआत 23 नवंबर को हुई। मिलक कोतवाली के पिपला शिवनगर गांव निवासी पीतांबर ¨सह के परिवार में प्रधानी कई साल तक रही है। इस बार गांव की सीट महिला आरक्षित हो गई। इस पर पीतांबर ¨सह ने अपनी पुत्रवधु सुनीता को पर्चा भरवा दिया। उसे चुनाव जिताने के लिए परिवार ने साजिश रची। साजिश के तहत पीतांबर 23 नवंबर को घर से चला गया। परिजनों ने उसके अपहरण का आरोप चुनाव में खड़े विरोधी गुट पर लगा दिया। मतदाताओं की हमदर्दी हासिल करने को परिजनों ने काफी बवाल किया। बुधवार को परिजन एसपी के आवास पर पहुंच गए। प्रदर्शन किया और अपहर्ता को बरामद करने की मांग की। एसपी के आदेश पर मिलक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। उन्हें हिरासत में भी ले लिया। अपहर्ता की बरामदगी के लिए एसपी ने मिलक कोतवाल इंस्पेक्टर राघव राम मिश्रा, दारोगा सत्य विजय ¨सह और क्राइम ब्रांच के प्रभारी गीतेश कपिल को लगाया। पुलिस रात भर उसकी तलाश में दौड़ती रही। गुरुवार को अपहर्ता नाटकीय ढंग से गांव के बाहर खेत में बंधा मिला। सूचना पर मिलक पुलिस और क्राइम ब्रांच पहुंच गई। उससे पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस के सवालों के सामने वह ज्यादा देर टिक नहीं सका और अपहरण की कहानी फर्जी होने की बात कबूल कर ली। उसे मीडिया के सामने भी लाया गया, जहां उसने खुद के अपहरण की साजिश रचने की बात स्वीकार की। मिलक पुलिस ने उसे कोर्ट के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
अपहरण की साजिश रचने वालों पर ही मुकदमा दर्ज
चौबीस घंटे पहले तक पीतांबर का पीड़ित परिवार घटना के खुलासे के बाद खुद ही आरोपी बन गया। एसपी के आदेश पर मिलक पुलिस ने मुकदमे में पीड़ित पक्ष को ही आरोपी बना दिया। मिलक कोतवाली प्रभारी राघव राम मिश्रा ने बताया कि इस मुकदमे में अब पीतांबर, उसके भाई नैनसुख, राम बहादुर और पीतांबर के बेटे रवि को नामजद कर लिया है। नैनसुख एनपीआरसी है नैनसुख,
बीएसए ने हटाया
अपहरण की साजिश रचने में शामिल पीतांबर का एक भाई नैनसुख बेसिक शिक्षा विभाग में न्याय पंचायत समन्वयक है। वह मिलक में ही तैनात था। मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने उसे हटा दिया है।
सर्विलांस से पुलिस रख रही थी नजर
प्रत्याशी के ससुर के अपहरण की कहानी पर पुलिस को शुरू से शक था। पुलिस ने जब पीतांबर का मोबाइल सर्विलांस पर लगाया तो शक यकीन में बदल गया। इसके बाद पुलिस को उसकी लोकेशन मिलने लगी। क्राइम ब्रांच के प्रभारी गीतेश कपिल ने बताया कि पीतांबर ने मोबाइल से अपने परिजनों से बात की थी, जिससे पता चला कि इस षड्यंत्र में परिवार के लोग भी शामिल हैं। पीतांबर ने मीडिया को भी बताया कि वह घर से रेलवे स्टेशन आया और वहां से किसी ट्रेन में बैठकर मेरठ चला गया था। बुधवार रात बस से वह वापस लौट आया। उसने खुद को जिस चेन से बांधा था, वह भी मेरठ से चालीस रुपये में खरीदी थी।
पुलिस हिरासत में रहे निर्दोष
चुनाव जीतने को रची इस साजिश में कुछ निर्दोष लोगों को पुलिस हिरासत में रहना पड़ा। दरअसल, पीतांबर को ढूंढने का जब पुलिस पर दबाव बनने लगा तो मिलक पुलिस ने गांव के सतपाल, दया शंकर, हरिश्चंद्र और देवीदास के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। सतपाल की पत्नी भी चुनाव लड़ रही है। सतपाल और पीतांबर एक ही परिवार के हैं। अब तक सतपाल का परिवार पीतांबर के परिवार को चुनाव लड़ाता आया है, लेकिन इस बार सतपाल ने पत्नी को चुनाव में खड़ा कर दिया। उन्हें सबक सिखाने और चुनाव में हराने के मकसद से पीतांबर के परिवार ने अपहरण की साजिश रच दी।